जिला आरोग्य अधिकारी अनिल पटेल का दावा वलसाड जिले में गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण और समय-समय पर जांच, स्वास्थ्य की पूरी देखरेख के कारण बाल मृत्यु दर घटी
District Health Officer Anil Patel claims child immunization has decreased due to regular vaccination and periodic checkup of pregnant women in Valsad district, complete health care
पीडी खत्री@वलसाड. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव में बच्चों की मौत को लेकर कई राज्यों में हंगामा मचा है। वलसाड जिले की बात करें तो यहां एक साल में 270 बच्चों की मौत (270Death of children) हुई है। जिला प्रशासन का दावा है कि
बाल मृत्युदर को कम करने का पूरा प्रयास कर रहा है। जिले में जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक 23943 बच्चों का जन्म हुआ। इसमें से 270 बच्चों की मौत होने की जानकारी दी गई है।
जिला आरोग्य अधिकारी अनिल पटेल ने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण हुआ है। महिलाओं की समय-समय पर जांच, स्वास्थ्य की पूरी देखरेख के कारण बाल मृत्यु दर घटी है। बीते तीन सालों में सबसे कम बच्चों की मौत 2019 में हुई है। प्रशासन द्वारा इस संबंध में कई काम किए गए हैं। शहर की एक गायनेक डॉक्टर से बात पर उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान पूरे नौ माह महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद दिन में दस से ज्यादा बार स्तनपान कराना चाहिए। साथ में बच्चे की पूरी तरह से देखभाल करने पर उसकी जान बचाई जा सकती है और बाल मृत्युदर घटाई जा सकती है ।
जानकारी के अनुसार जिले में पिछले तीन साल में करीब 80 हजार से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ, जबकि नौ सौ से ज्यादा बच्चों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। वलसाड जिले में बच्चों की मौत का आंकड़ा पूरे राज्य में आखिरी के छह नंबर पर है। धीरे-धीरे जिले में बाल मृत्युदर के आंकड़े कम हो रहे हैं।
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