जीएसटी के नियमों के कारण छोटे उद्यमियों को ज्यादा दिक्कत हो रही है। हर महीने रिटर्न फाइल करना, कम्प्यूटर खरीदना और अकाउंटेट रखना उनके लिए मुश्किल है। वह इन नियमों का विरोध कर रहे हैं। कपड़े पर अलग-अलग स्टेज पर अलग टैक्स रेट ने उनके अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा कर दिया है। यार्न पर 18 और कपड़े पर पांच प्रतिशत जीएसटी के कारण छोटे उद्यमियों को कपड़े की कीमत ज्यादा पड़ रही है।
उनके मुकाबले बड़ी यूनिट संचालकों को कपड़े की कीमत कम पड़ रही है। इस कारण छोटे उद्यमियों से कोई जॉब वर्क नहीं करवा रहा है। इन हालात में छोटे उद्यमियों के लिए टिक पाना मुश्किल हो रहा है। कपड़ा उद्यमी जीतू वखारिया ने बताया कि जीएसटी के नियमों के अनुसार छोटे उद्यमियों के लिए काम कर पाना मुश्किल हैं, क्योंकि यहां के कई उद्यमी पढ़े-लिखे नहीं, उनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इसके अलावा टैक्स क्रेडिट रिफंड नहीं मिलने से उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार को गंभीरता से उनके लिए सोचना चाहिए, नहीं तो कई कारखाने बंद हो सकते हैं।
फोस्टा ने ज्ञापन दिया
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कलक्टर को ज्ञापन देकर जीएसटी से व्यापारियों को हो रही दिक्कत की जानकारी दी और जीएसटी के नियमों में परिवर्तन की मांग की। फोस्टा ने ज्ञापन में बताया कि जीएसटी लगने के बाद कपड़ा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कपड़े से जुड़े छोटे-मोटे काम करने वाली महिलाओं का रोजगार छिन गया है, छोटे व्यापारी बेकार हो रहे हैं, व्यापार करने के बजाय व्यापारियों का ज्यादा समय बिल बनाने और रिटर्न फाइल करने में जा रहा है।
मकान में तोडफ़ोड़, ७० हजार की लूट
सचिन थाना क्षेत्र के मोहिनी गांव में रंजिश में सोमवार रात सात-आठ जनों ने एक मकान में घुसकर तोडफ़ोड़ की और ७० हजार रुपए लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि मोहिनी गांव के हलपतिवास निवासी ईश्वर रमेश वांसफोडिया का कुछ समय पहले दुर्गेश नाम के एक युवक के साथ विवाद हो गया था। सोमवार रात करीब सवा दस बजे दुर्गेश सात-आठ साथियों के साथ ईश्वर के घर पहुंचा। उसने वहां तोडफ़ोड़ की और ईश्वर की पत्नी डिम्पल तथा परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया। बाद में लकड़ी की अलमारी से ७० हजार रुपए नकद निकालकर साथियों के साथ फरार हो गया। डिम्पल की प्राथमिकी पर सचिन पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।