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सूरत

एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने से 18 मरीजों की तबियत खराब

मामले की गंभीरता के साथ जांच कराई जाएगी- आरएमओ डॉ. एस.आर. पटेल

सूरतMar 03, 2019 / 09:42 pm

Sanjeev Kumar Singh

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एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने से 18 मरीजों की तबियत खराब

भरुच.

भरुच सिविल अस्पताल के वार्ड में उपचार करा रहे मरीजों को शनिवार रात एंटीबायोटिक का इंजेक्शन लगाने के बाद 18 मरीजों को सर्दी लगने की शिकायत पर सिविल अस्पताल में खलबली मच गई। पाउडर के रूप में एंटीबायोटिक को तरल में बदलने के लिए डिस्टील वाटर के बजाय ग्लूकोज का इस्तेमाल कर दिए जाने से यह घटना हुई।
उधर, सिविल अस्पताल प्रशासन ने इस प्रकार की घटना होने से साफ इनकार कर दिया। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इंजेक्शन के नमूने जांच के लिए फूड एंड ड्रग विभाग को भेजा गया है। मेडिकल वार्ड में वायरल इंफेक्शन सहित अन्य बीमारी से ग्रसित मरीज उपचार करा रहे हैं।

भरुच सिविल अस्पताल के मेडिकल वार्ड में सर्दी-खांसी, बुखार, पीलिया सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भर्ती किया गया है। शनिवार रात सिविल अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ द्वारा मरीजों को सिफोटेक्सीन व रेंटक नामक एंटीबायोटिक दवा का इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगाने के थोड़ी देर बाद ही भरत कबीर वसावा और रामपाल गंगाप्रसाद नामक मरीज को सर्दी लगने लगी।
कुछ देर बाद वार्ड के 18 मरीजों ने भी इंजेक्शन लगने के बाद सर्दी लगने की शिकायत की तो सिविल अस्पताल में खलबली मच गई। रात को ड्यूटी पर डॉक्टर जोहरीन उपस्थित थे। रिएक्शन होने की बात फैलने पर तत्काल आरएमओ डॉ. एस.आर. पटेल, डॉ. झा, डॉ. अभिनव शर्मा सहित अन्य चिकित्सकों की टीम मौके पर आ गई थी। मरीजों को रिएक्शन से राहत देने के लिए डिगजलेशन, ऐवील और सीपीएम रेक्सो नामक इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद मरीजों ने राहत महसूस की।

सिविल अस्पताल के आरएमओ डॉ. एस.आर. पटेल ने कहा कि सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों को जरुरत के अनुसार एंटीबायोटिक की सिफोक्सीन जैसी दवाओं का इंजेक्शन दिया जाता है। अचानक दो से तीन मरीजों को सर्दी लगने की बात पता चली। सीपीएम टेक्सों नामक दवा देने के बाद सर्दी की शिकायत करने वाले मरीजों को राहत मिल गई। इंजेक्शन या बोतल चढ़ाने के बाद ठंडी लगने की शिकायत सामान्य होती है। इसे रिएक्शन नहीं कहा जा सकता है, लेकिन फिर भी पूरे मामले की गंभीरता के साथ जांच कराई जाएगी।

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