इसमें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह, डॉक्टर्स, विभिन्न विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सहित लगभग 1000 लोग जुड़े। कलक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के अथक प्रयास से जिलेवासियों को सिकल सेल बीमारी से निजात दिलाने ज्यादा से ज्यादा लोगों को सिकल सेल, एनीमिया बीमारी के प्रति जनजागरूकता की जानकारी देने देश के ख्याति प्राप्त डॉ. राहुल भार्गव ने दिल्ली से वर्चुअल वेबीनार के माध्यम से जुड़कर सिकल सेल रोग के दवा एवं उचित उपचार के संबंध में व्यापक जानकारी दी।
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डॉ. राहुल भार्गव ने वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि सिकल सेल रोग अपंगता नहीं है, जिस व्यक्ति में सिकल सेल रोग है वे भी सामान्य व्यक्तियों की तरह निश्चित अवधि तक जीवन जी सकते हंै। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार सिकल (हसिया) की आकार का हो जाता है एवं शरीर का खून जल्दी टूटता है जिससे खून की कमी हो जाती है।
डॉ. राहुल भार्गव ने इसे अनुवांशिक बीमारी (Genetic disease) बताया। जो माता-पिता से बच्चों में आता है। उन्होंने सिकल सेल के लक्षण की भी जानकारी दी, जिसमें बार-बार बुखार, ख्ूान की कमी, हाथ, पैर, पेट में तेज दर्द, पीलिया, हाथ पैर में सूजन, तिल्ली का बढऩा, अचानक तेज दर्द होने की जानकारी दी।
डॉ. राहुल भार्गव ने सिकल सेल के रोगी व्यक्ति को डॉक्टरों को दिखाने सलाह दी तथा किसी व्यक्ति को सिकल सेल हो तो उसकी शादी के पूर्व डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि होने वाली बीमारी से बच्चे को बचाया जा सके।
कलक्टर ने देश एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त डॉ. राहुल भार्गव से सूरजपुर जिलेवासियों को सिकल सेल रोग का बेहतर इलाज हो, इसके जांच के लिए मशीन स्थापित करने की सलाह ली तथा सूरजपुर आने के लिए आमंत्रित किया। उन्होने वेबिनार से जुड़े सभी मंत्रियों, डॉ. राहुल भार्गव, अन्य डॉक्टर्स एवं अधिकारी-कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।
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सिकलसेल की समय पर कराएं जांचस्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वर्चुअल वेबीनार में जुड़कर बताया कि सिकल सेल रोग के बारे में शुरुआती दौर मैं नहीं जानता था लेकिन जब मैं सर्वजनिक जीवन के संबंध में जानने लगा तो स्थिति से अवगत हुआ, अपने गांव के महिलाओं से जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा सिकल सेल की जांच करने सुविधा उपलब्ध है। समय पर जांच कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए दवाईयों की व्यवस्था की गई हैं।
इसके संबंध में जनजागरूकता के लिए व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने विश्व सिकल सेल के अवसर पर जिलेवासियों को सिकल सेल रोग के हेतु जानकारी देने बेहतरीन वर्चुअल वेबीनार आयोजन हेतु कलक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह को बधाई दी।
छुआछूत नहीं है सिकलसेल
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विश्व सिकल दिवस के अवसर पर कहा कि यह अनुवांशिक है, यह छुआछूत नहीं है, जिन मां-बाप में यह रोग होता है, बचपन से बच्चों में होता है, जिसकी जांच करने एवं जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने इस रोग का जहां इलाज होता है वहां जांच कराने एवं दवाई नियमित सेवन करने कहा।
संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े ने डॉ. राहुल भार्गव को अपनी नातिन के सिकल सेल रोगी होने की जानकारी दी। इस पर डॉ. भार्गव ने पारसनाथ राजवाड़े को आवश्यक दवा एवं उपचार की जानकारी दी।