सूरजपुर जिले के एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र अंतर्गत गायत्री भूमिगत खदान में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत बिश्रामपुर 1 सी कालोनी क्वार्टर नंबर 95 निवासी कालरीकर्मी प्रार्थी रामाशीष पाल पिता नार सिंह के मोबाइल पर 16 मार्च की सुबह करीब 10 बजे ड्यूटी के दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल खुद को डीजीपी बताया गया और धमकी दी गई कि तुम्हारे पुत्र को एक गंभीर मामले में गिरफ्तार किया गया है।
यदि अपने पुत्र को मामले में बचाना चाहते हैं तो 1 लाख रुपए तत्काल देना होगा। फर्जी डीजीपी की बात सुनकर कालरी कर्मी काफी भयभीत हो गया और मांगी गई रकम नहीं होने की बात कहे जाने पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा किसी बच्चे की आवाज में रोते हुए मोबाइल पर ही बचा लिए जाने की आवाज प्रार्थी को सुनाया गया।
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उधार लेकर ट्रांसफर किए 1 लाख 20 हजारघटना से डरे कॉलरीकर्मी ने अपने साथी कृपाशंकर से तत्काल 40 हजार रुपए उधार में फोन पे के माध्यम से लेकर अज्ञात व्यक्ति के मोबाइल पर भिजवा दिया। इसके पश्चात अज्ञात व्यक्ति फर्जी डीजीपी द्वारा प्रार्थी से और रुपए की मांग करते हुए तत्काल राशि ना भेजने पर उसके पुत्र पर कार्यवाही की धमकी देने लगा।
इस पर भयवश प्रार्थी ने अपने एक और मित्र सचिन वर्मा से आरोपी के मोबाइल पर 80 हजार रुपए फोन पे के माध्यम से भिजवाया गया। आरोपी अज्ञात व्यक्ति के मोबाइल पर अलग-अलग नंबर से 1 लाख 20 हजार रूपए फोन पे के माध्यम से ट्रांसफर करा दिया गया है।
बाद में ठगी के शिकार होने के एहसास होने पर प्रार्थी ने मामले की सूचना बिश्रामपुर थाना में दी गई है। कालरी कर्मी के साथ हुए साइबर ठगी के मामले को लेकर पूरे दिन चर्चा का बाजार गर्म रहा।