ग्रामीणों से मिली जानकारी व नाविक ने बताया कि वे दोनों सतपता बिश्रामपुर जा रहे थे और बीच मझधार में ही नाव पलट गई। इसकी सूचना पर हरकत में आए पुलिस व प्रशासनिक अमले द्वारा आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से खोजबीन प्रारंभ की और जब किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली तो सरगुजा व सूरजपुर से गोताखोरों के दल के साथ रेस्क्यू टीम को बुलाया गया।
आने-जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन
जानकारी के अनुसार हरिहरपुर पंचायत के आश्रित मोहल्ले सोहरगड़ई व ठोरठिहाई जाने के लिए महज नदी ही एकमात्र रास्ता है। इसमें लोग नाव से आना-जाना करते हैं, जबकि सडक़ मार्ग से आने के लिए उन्हें 20 किमी चलकर रामेश्वरनगर आना पड़ता हैएतब कहीं जाकर बस इत्यादि के साधन मिल पाते हैं। नाव से गेज नदी में ग्रामीणों की आवाजाही लंबे समय से है और यह जोखिम भरा भी है।