AITUC locked coal mines: इन 10 मांगों को लेकर एटक ने घंटों तक बंद किया गायत्री कोल माइंस, जमकर की नारेबाजी, 4 को फिर तालाबंदी
AITUC locked coal mines: एसईसीएल प्रबंधन द्वारा मांगों को माने जाने के संबंध में दिए गए लिखित आश्वासन के बाद शाम को एटक यूनियन के पदाधिकारियों ने खत्म की हड़ताल,
बिश्रामपुर. AITUC locked coal mines: संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक यूनियन के नेतृत्व में गायत्री भूमिगत खदान में गुरुवार को घंटों कोल उत्पादन व परिवहन कार्य बंद करके हड़ताल की गई। एटक यूनियन के पदाधिकारी व सदस्यों के साथ 10 सूत्रीय मांग को लेकर बड़ी संख्या में ठेका श्रमिक सपरिवार गायत्री खदान पहुंचे। यहां पर प्रबंधन एवं गेनवेल कंपनी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी के साथ बंद हड़ताल (AITUC locked coal mines) की गई। जब प्रबंधन द्वारा मांगें माने जाने का लिखित आश्वासन दिया गया, तब हड़ताल समाप्त हुई। इधर 4 सितंबर को ग्रामीणों ने खदान में तालाबंदी की चेतावनी दी है।
एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र अंतर्गत गायत्री खदान में गेनवेल कंपनी के ठेकेदार द्वारा ठेका श्रमिकों को हाई पावर कमेटी द्वारा तय वेतन भुगतान न कर 550 रुपए की दर से वेतन भुगतान किया जा रहा है। एटक (AITUC locked coal mines) की अगुवाई में लगातार आंदोलन के बाद ठेका श्रमिकों को एरियर भुगतान की बात स्वीकार की गई किन्तु आज तक भुगतान नहीं किया गया।
इस कारण ठेका श्रमिकों में काफी नाराजगी व्याप्त है। एटक के क्षेत्रीय सचिव पंकज गर्ग का आरोप है कि प्रबंधन और ठेकेदार की मिलीभगत से ठेका श्रमिकों को प्रतिमाह वेतन (AITUC locked coal mines) का वेतन पर्ची प्रदान न करके मनमाने तरीके से भुगतान किया जाता है। रविवार एवं पीएच के दिन कार्य करवाने के पश्चात भी सामान्य दिनों की तरह ही वेतन भुगतान किया जाता है।
ठेका कर्मचारियों को खदान में चोट लगने पर किसी भी प्रकार का कंपनसेशन या चोट का आंकलन नहीं करवाया जाता है और न ही नियमानुसार इसकी रिपोर्टिंग की जाती है। खान में चोटिल हुए ठेका श्रमिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। ठेका श्रमिकों के वेतन से हो रही फंड कटौती (AITUC locked coal mines) के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी संबंधित कर्मचारियों को नहीं दी जाती है।
दस सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को एटक यूनियन द्वारा गायत्री खदान के बाहर घंटों हड़ताल करके कोल उत्पादन व परिवहन कार्य को प्रभावित किया गया। इससे प्रबंधन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ गया। हड़ताल के दौरान प्रबंधन द्वारा ठेका श्रमिकों की सभी मांग को मानते हुए सहक्षेत्र प्रबंधक द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि गेनवेल कंपनी के द्वारा 2 माह के अंदर एरियर का भुगतान नहीं किए जाने पर प्रबंधन उनके बिल से एरियर की राशि को काटकर ठेका श्रमिकों को भुगतान कर देगा। साथ ही बाकी के मुद्दों पर क्षेत्रीय स्तर पर 2 सितंबर को त्रिपक्षीय वार्ता कर सभी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
AITUC locked coal mines: शाम 5 बजे खत्म हुई हड़ताल
प्रबंधन द्वारा मांगों को मांगे जाने के लिखित आश्वासन के बाद शाम 5 बजे यूनियन (AITUC locked coal mines) द्वारा हड़ताल को समाप्त किया गया। संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक के केंद्रीय अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बिश्रामपुर क्षेत्र की खदानों में ठेका श्रमिकों का शोषण किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एरियर सहित सभी 10 सूत्रीय मांगों को गेनवेल कंपनी एवं एसईसीएल प्रबंधन को पूरा करना होगा। साथ ही पंकज कुमार गर्ग, वीसी जैन एवं विनोद सिंह ने भी विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान बड़ी संख्या में ठेका श्रमिक व उनके परिजन के साथ एटक के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर गायत्री व केतकी खदान क्षेत्र के प्रभावितों द्वारा भी 4 व 5 सितंबर को दोनों खदानों में तालाबंदी करके अनिश्चितकालीन हड़ताल का अल्टीमेटम दिया जा चुका है।
ऐसी स्थिति में बार-बार खदानों के बंद होने व कोल उत्पादन प्रभावित होने से करोड़ों रुपए के राजस्व के नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं प्रबंधन द्वारा नौकरी व मुआवजा के लिए लगातार प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है।
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