ये भी पढ़ें- यूपी उपचुनावः यहां हो रही फर्जी वोटिंग, प्रत्याशी का आरोप- बुर्के की ली जा रही है आड़ वर्ष 1955 में गोमती नदी ने बदली थी धारा पुरानी गोमती नदी की धारा 1955 में परिवर्तित होने के बाद इस नदी के तटवर्ती गांव में खुरपका झील दशकों से किसानों के लिए कहर बनी हुई है। 80 के दशक से बढ़े जलभराव की समस्या से तकरीबन सौ गांवों की आबादी त्रस्त रही। ऐसे में बड़ी आबादी खेती-बाड़ी छोड़कर पलायन को मजबूर रही।काशी क्षेत्र उपाध्यक्ष राम चन्द्र मिश्र,जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह त्रिलोकचंदी व भाजपा नेत्री बबिता अखिलेश तिवारी के अथक प्रयास से जल भराव की समस्या से जूझ है किसानों को राहत मिलेगी।ग्रामीण बताते हैं कि शारदा सहायक नहर खंड-16 का बढ़ा पानी भी बिना जल निकासी वह बिना उचित व्यवस्था के इन्हीं क्षेत्रों में छोड़ दिया जाता रहा। जिससे हजारों बीघा कृषि योग्य जमीन जलमग्न हो जाती थी।सोमवार को जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औखल व सांसद मेनका गांधी ने धनपतगंज ब्लॉक के चंदौर में 9 करोड़ 38 लाख रुपए की लागत से ड्रेन का शुभारंभ किया। इससे अब पानी निकासी हो सकेगी।
ये भी पढ़ें- हाथरस केस: जिलाधिकारी का होगा तबादला, यूपी सरकार ने कोर्ट में दिया बयान इन गांवों में होगी हजारों बीघे खेती-जलभराव नहीं होने से आसपास के क्षेत्रों में खेती किसानी की जा सकेगी। इससे पहले आलम ये था कि गांव के काश्तकार अनाज खरीद कर खाने को विवश होते रहे। ड्रेन के शुभारंभ के बाद से खारा, चंदौर, बढ़नपुर, उपाध्यायपुर, परसपुर, ढबिया, मडहा, माधवपुर, बहुबरा, मट्ठा, गोविंदपुर, तारा का पुरवा, मुडुवा, अगई, सडाव, नौगवां, जज्जौर, खाजापुर, तीरगांव, तिवारीपुर, बसंतपुर समेत कई गांवों के सैकड़ों किसानों को निजात मिलने जा रही है।