जानें क्या है पूरा मामला
मामला चांदा थाना क्षेत्र के गलहिता गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले आरोपीगण रामसजन निषाद, जयभगवान निषाद व लल्ला के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाते हुए अभियोगिनी ने कोर्ट में अर्जी दी। आरोप के मुताबिक बीते 10 सितम्बर की रात करीब नौ बजे वह शौंच के लिए गई थी। इसी दौरान पहले से ही घात लगाये बैठे तीनों आरोपियों ने अभियोगिनी को पकड़ लिया और उसके साथ जबरन बारी-बारी दुष्कर्म किया। आरोपियों के इस अत्याचार की शिकार महिला बेहोश हो गयी। होश आने पर वह अपने घर पहुंची और अपने पति से आप बीती बताई।
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अगले दिन सुबह उसका पति अभियोगिनी को साथ लेकर चांदा थाना गये और लिखित तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही पीड़िता का मेडिकल परीक्षण ही कराया। इस घटना के सम्बंध में थाने से सुनवाई न होने पर पीड़िता की तरफ से पुलिस अधीक्षक से मिलकर एवं डाक कें माध्यम से भी लिखित सूचना दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत की ली शरण
पुलिसिया कार्यशैली से निराश होकर पीड़िता ने अदालत की शरण ली। अदालत ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद भी इतने गम्भीर मामले में केस दर्ज न होना आश्चर्य मानते हुए दंड प्रक्रिया संहिता में अंकित नियमों का हवाला देकर पीड़ित की अर्जी की प्रति एसपी को भेजकर मामले की हकीकत जाननी चाही। फिलहाल कोर्ट के जरिए भेजे गये पत्र के बावजूद भी पुलिस का हाल वही रहा। नतीजतन मामले में आरोपियों पर केस दर्ज नहीं हो सका।
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इतने गम्भीर मामले में पुलिस का यह हाल देखकर न्यायाधीश अनुराग कुरील ने प्रकरण में संज्ञान लेते हुए आरोपीगण रामसजन निषाद, जयभगवान निषाद व लल्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश के लिए थानाध्यक्ष चांदा को आदेशित किया है। अदालत ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों पर केस दर्ज कर कार्यवाही से अवगत कराने का भी आदेश दिया।