गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में कहा-नक्सली दे रहे हैं बच्चों को सैन्य प्रशिक्षण
लोकसभा (Lok Sabha) में एक सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री (Minister of State for Home Affairs) ने कहा की नक्सली (Naxalite) मासूम बच्चों को सैन्य ट्रेनिंग दे रहे है। केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में नक्सल खतरे से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना तैयार करने के बाद नक्सल हिंसा में कमी आयी है
गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में कहा-नक्सली दे रहे हैं बच्चों को सैन्य प्रशिक्षण
बस्तर. मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री (Minister of State for Home Affairs) जी किशन रेड्डी ने कहा कि नक्सली (Naxalite) बच्चों को अपने दल में शामिल कर रहे हैं और उन्हें सैन्य प्रशिक्षण (Naxal Training) दे रहे हैं।
उन्होंने बतया की कुछ रिपोर्ट के अनुसार माओवादी (CPI) झारखंड और छत्तीसगढ़ में बच्चों को अपने संगठन में शामिल कर, उनसे खाना पकाने, दैनिक उपयोग की सामग्री ले जाने और सुरक्षा बलों की आवाजाही के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का काम करवा रहे हैं। इसके लिए उन्हें सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
G Kishan Reddy ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में नक्सलवाद (Naxalism) से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना तैयार की गई थी।अब नई योजना में बहुस्तरीय दृष्टिकोण की परिकल्पना की गई है जिसमें सुरक्षा उपाय, विकास के उपाय, स्थानीय समुदायों के अधिकार और प्रवेश को सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) राज्य सरकारों को सीएपीएफ बटालियनों की तैनाती, हेलीकॉप्टर और यूएवी के प्रावधान और इंडिया रिजर्व बन्स (IRBs) / स्पेशल इंडिया रिजर्व बन्स (SIRB) आदि की मंजूरी के माध्यम से सभी प्रकार की आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
नक्सलवाद (Naxalism) से प्रभावित राज्यों को राज्य पुलिस, खुफिया एजेंसियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की क्षमता निर्माण के लिए आधुनिकीकरण के तहत पुलिस बल (MPF), सुरक्षा संबंधित व्यय (SRE) योजना और विशेष अवसंरचना योजना (SIS) के तहत भी धनराशि प्रदान की जाती है।
गृह राज्य मंत्री (Minister of State for Home Affairs) ने यह भी कहा कि नीति के कार्यान्वयन से नक्सल हिंसा (Naxal violence) को कम करने में मदद मिली है और इससे नक्सलियों के प्रभाव वाले क्षेत्रों (Naxal affected area) में भी कमी आई है। रेड्डी ने कहा कि देश में 2009 में 2258 के उच्च स्तर से 2018 में 833 तक हिंसक घटनाएं घट गई हैं। परिणामी मौतें भी 2010 में 1005 से घटकर 2018 में 240 रह गई हैं।