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उन्होंने कांग्रेस को उनकी प्रतिज्ञा याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह पार्टी के लोगों ने गीता और गंगाजल को हाथ में लेकर जनता से वादा किया था। अब सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर रही है। यह गीता और गंगाजल का अपमान है।
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पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ट अध्यक्ष समीर खान ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान तमाम कांग्रेसी नेताओं ने गीता और गंगाजल की कसम खा कर कहा था कि सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी। 9 माह से अधिक गुजर जाने के बाद भी कांग्रेस सरकार पूर्ण शराबबंदी को लेकर टालमटोल करते नजर आ रही है।
वहीं प्रदेश पंचायत प्रकोष्ट अध्यक्ष परमेश राजा ने कहा कि कांग्रेस की शराबबंदी की मंशा ही नहीं है, इसलिए वह आदिवासी बहुल इलाकों का हवाला देकर शराबबंदी करने से बचने का प्रयास कर रही है। महिला विंग की जिलाध्यक्ष तरुणा बेदरकर ने कहा कि शराब और नशा ने प्रत्यक्ष रूप से महिलाओं और उनके घर को नुकसान होता है।
संगठनमंत्री आरती पटनायक ने कहा नशाखोरी भले पुरुषवर्ग करते हो लेकिन उसका खामियाजा महिलाओं को मां, बहन, बेटी, पत्नी के रूप में उठाना पड़ता है।
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