scriptजर्जर भवन में बैठने के लिए मजबूर हुए बच्चे, अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रहा स्कूल | Children forced to sit in dilapidated building Poor educational system | Patrika News
सुकमा

जर्जर भवन में बैठने के लिए मजबूर हुए बच्चे, अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रहा स्कूल

Poor educational system: जिले में लचर शैक्षणिक व्यवस्था से बच्चों का शिक्षा प्रभावित हो रहा है। बच्चों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है, अव्यवस्था के बीच बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर है। जिले के गादीरास क्षेत्र के कोर्रा प्राथमिक शाला के बच्चें फटे टाटपट्टी बैठकर पर पढ़ाई कर रहे हैं।

सुकमाDec 05, 2022 / 01:25 pm

CG Desk

.

FILE PHOTO

Poor educational system: जिले में लचर शैक्षणिक व्यवस्था से बच्चों का शिक्षा प्रभावित हो रहा है। बच्चों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है, अव्यवस्था के बीच बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर है। जिले के गादीरास क्षेत्र के कोर्रा प्राथमिक शाला के बच्चें फटे टाटपट्टी बैठकर पर पढ़ाई कर रहे हैं, इधर जिले में शिक्षा व्यवस्था के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं लेकिन उसके बाद भी बच्चों को बुनियादी सुविधाएं देने में शिक्षा विभाग नाकाम है,

प्राथमिक शाला भवन जर्जर हो चुका है। जिसकी वजह से प्राथमिक शाला के पुराने भवन में एक कक्षा का संचालन हो रहा है, वहीं इसके अलावा कक्षा पहली एवं दूसरी कक्षा का संचालन अतिरिक्त कक्ष में किया जा रहा है, इसके अलावा चौथी और पांचवी की पुराने मिडिल स्कूल में लग रहा है। यहां पर जो मिडिल स्कूल लगता था वह दूसरी जगह पर शिफ्ट होने के कारण इस भवन का वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर संचालित हो रहा है, लेकिन यह मिडिल स्कूल भवन भी बारिश के दिनों में पानी टपकता है, जिसकी वजह से यहां बैठना भी मुश्किल है।

वाटर प्यूरीफायर शोपीस
शिक्षा विभाग बच्चों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक स्कूल में वाटर प्यूरीफायर लगा रहा है, लेकिन वॉटर प्यूरीफायर लगाने के काम में ही लापरवाही बरती जा रही है। केवल वाटर प्यूरीफायर सेटअप लगाकर छोड़ दिया जा रहा है, जबकि यहां वाटर प्यूरीफायर पानी टंकी से पाइप लाइन लगाना होता है, लेकिन यह का सारा काम आधा अधूरा छोड़ दिया जा रहा है।

यहाँ बच्चों को बैठने के लिए टाटपट्टी भी उपलब्ध नहीं है। जबकि प्राथमिक शाला में कक्षा 1 से 5 वीं तक 103 बच्चे की दर्ज संख्या है, और यहां बच्चों के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह भी नहीं है, अतिरिक्त कक्ष में बच्चे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है, वहीं अतिरिक्त कक्ष का टीन शेड नीचे होने के कारण से अधिक गर्मी पड़ने पर बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ग्रीन बोर्ड की व्यवस्था नहीं
इस स्कूल के साथ कन्या आश्रम का भी संचालन होता है, गांव के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ते है, ऐसे में यहां पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने से बाहर से आकर पड़ने वाले बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि बच्चों के लिए ग्रीन बोर्ड की व्यवस्था नहीं की गई जा रही है, जो बोर्ड है वह काफी पुराने हैं, जिसकी वजह से वहां लिखावट भी स्पष्ट नहीं रहता है। इस प्रकार की समस्या से जूझते हुए बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।

बिना उपयोग के ही बंद पड़े शौचालय
प्राथमिक शाला में बने सभी शौचालय बिना उपयोग की ही बंद पड़े हैं। शौचालय का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन इन शौचालय का उपयोग करना संभव नहीं है, क्योंकि यह शौचालय निर्माण केवल खानापूर्ति तक ही सीमित रहा। जिसकी वजह से इन शौचालय का उपयोग किया जाना संभव नहीं है। जबकि स्कूल में शौचालय की व्यवस्था है, उसके आधार पर यहां शौचालय होना चाहिए, लेकिन जो शौचालय निर्माण किया है कि केवल कागजों पर ही सीमित है।

Hindi News / Sukma / जर्जर भवन में बैठने के लिए मजबूर हुए बच्चे, अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रहा स्कूल

ट्रेंडिंग वीडियो