script11 साल में दर्जनों बार टूटी तालाब जोड़ो परियोजना की हरपुरा जामनी नहर, जनवरी में टूटी थी मझगुवां के चंदोखा हार में नहर | Patrika News
टीकमगढ़

11 साल में दर्जनों बार टूटी तालाब जोड़ो परियोजना की हरपुरा जामनी नहर, जनवरी में टूटी थी मझगुवां के चंदोखा हार में नहर

टीकमगढ़ पानी के भराव से टूट गई हरपुरा नहर।

टीकमगढ़Jul 26, 2024 / 10:53 am

akhilesh lodhi

टीकमगढ़ पानी के भराव से टूट गई हरपुरा नहर।

टीकमगढ़ पानी के भराव से टूट गई हरपुरा नहर।

अधिक पानी को रोकने वाले तीन स्ट्रेक्चर भी नहीं आए काम, 8 करोड 24 लाख से किया गया मरम्मत कार्य

टीकमगढ़. तालाब जोड़ो अभियान की जामनी हरपुरा नहर सफल होती दिखाई नहीं दे रही है।११ वर्षों में एक दर्जन से अधिक बार टूट गई है। जिसमें किसानों को तो नुकसान पहुुंच ही रहा है, वहीं सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है। चार वर्ष पहले बारिश के समय बौरी हार में जिस जगह टूटी थी, आज उसी स्थान पर फिर से नगर टूट गई है और किसानों के खेतों में बोई गई फसल के साथ मिट्टी भी बह गई है। मरम्मत कार्य में पानी कंट्रोल करने के लिए बनाए गए स्टैक्चर भी काम नहीं आए है।
नहर का शुभारंभ वर्ष 2012 में किया गया था। यह नहर हरपुरा जामनी नदी से मोहनगढ़ तक के तालाबों को भरने के लिए निकाली गई थी। अधिक भराव से दर्जनों बार टूट चुकी है। जनवरी में खेरा के मझगुवां आदिवासी मोहल्ला के चंदोखा हार में जामनी हरपुरा नहर टूट गई थी। जिसमें रबी फसलों को पानी से नुकसान पहुंचा था और पानी नहीं मिलने से भी नुकसान हो गया था। मरम्मत कार्य करके उस स्थान को ठीक कर दिया गया है, लेकिन अब नए स्थान बौरी हार में नहर टूट गई है। इस प्रकार के हालातों को देखकर किसान भी जल संसाधन विभाग पर प्रश्न चिन्ह उठाने लगे है।
चार वर्ष पहले जहां से टूटी थी नहर उसी स्थान से फिर से टूटी
किसान गोर्वाधन यादव, श्याम सुंदर यादव,रधुवीर यादव, दयाराम यादव, लल्लूराम यादव, राजेंद्र यादव, स्वामी प्रसाद यादव, प्रभू यादव, जशोदा यादव, छुट्टी यादव ने बताया कि चार वर्ष पहले इसी स्थान से जामनी की हरपुरा नहर टूट गई थी। आज की रात्रि में इसी स्थान से फिर से टूट गई है। पिछले वर्ष हनुमान सागर बौरी हार में टूटी थी। विभाग के कर्मचारी जहां से जोड़ते है, वहीं से नहर टूट जाती है। उनकी मरम्मती करण में की जाने वाली लापरवाही से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
८ करोड २४ लाख रुपए की लागत से किया गया मरम्मती कार्य
किसानों ने बताया कि मई और जून महीने में जल संसाधन विभाग की हरपुरा नहर का एक कंपनी द्वारा ८ करोड २४ लाख रुपए की लागत से मरम्मती करण किया था। नहर का सीसी, पुलिया, स्ट्रेक्चर और कई स्थानों पर मिट्टी से पुराव के साथ अन्य निर्माण किए गए। इसके साथ ही अधिक पानी को कंट्रोल करने के लिए तीन स्टे्रक्चर खड़े किए गए थे, लेकिन वह काम नहीं आ पाए है। जिसके कारण नहर टूट गई है।
हरपुरा नहर का यह था उद्देश्य
चरपुवां से लेकर टीकमगढ़ और जामनी नदी किनारे मोहनगढ़ तक सिंचाई सुविधाएं नहीं थी। शासन ने तालाब जोड़ो अभियान परियोजना के तहत जामनी नदी से मोहनगढ़ तक अगस्त 2011 में 41 करोड़ 33 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। इसमें 44. 28 किमी लंबी मुख्य नहर और 13 किमी लंबी शाखा नहर द्वारा 11 तालाब भरने और मुख्य नहर के दोनों तरफ 100 कुओं का निर्माण किया गया था। 2010 में सर्वेक्षण व अनुसंधान संभाग टीकमगढ़ द्वारा जामनी नदी पर बनने वाले हरपुर बांध से नहर निकालकर तालाबों को भरकर 22.90 एमसीएम पानी का उपयोग करने और 1980 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई के लिए कार्य योजना बनाई गई थी।
इनका कहना
बारिश के पानी से नहर का अधिक भराव हो गया है। उससे नहर टूट गई है। जिस कंपनी ने नहर का निर्माण किया था, अभी दो साल तक उसी के दोवारा देखरेख की जानी है। उसका सुधार जल्द ही किया जाएगा। जनवरी में जिस स्थान से नहर टूट गई थी। उस स्थान का निर्माण हो गया है।
दीपेंद्र सिंह कुशवाह, ईई जलसंसाधन विभाग टीकमगढ़।

Hindi News/ Tikamgarh / 11 साल में दर्जनों बार टूटी तालाब जोड़ो परियोजना की हरपुरा जामनी नहर, जनवरी में टूटी थी मझगुवां के चंदोखा हार में नहर

ट्रेंडिंग वीडियो