नगर निगम द्वारा श्मशान घाट की जमीन पर अवैध तरीके से किए गए कब्जे को लेकर दलित समाज के लोगों में आक्रोश हो गया। जिसके बाद सैकड़ों की तादाद में लोगों ने सड़कों पर उतर कर नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। दलित समाज के लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसडीएम कोल संजीव झा, सीओ द्वितीय समेत कोतवाली बन्नादेवी इंस्पेक्टर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
मौके पर पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को घंटों की मशक्कत के बाद समझा-बुझाकर श्मशान घाट के गेट पर नगर निगम के द्वारा वर्षों से लगाए गए ताले को गेट से खोलें जाने का आश्वासन दिया गया, तो वहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे दलित समाज लोगों की मांग है कि नगर निगम द्वारा पिछले कई वर्षों से निर्माण कार्य के नाम पर झूठ बोलकर श्मशान घाट की भूमि पर गेट लगाकर उस पर ताला जड़ दिया। उनकी मांग है कि नगर निगम द्वारा श्मशान घाट की जमीन पर लगाए गए ताले हो खोलते हुए उसको कब्जा मुक्त कराया जाए।
आपको बताते चले कि अलीगढ़ के नगर निगम के अधिकारियों द्वारा दलित समाज के लोगों के साथ उस वक्त बड़ा धोखा किया गया। जब उनके श्मशान घाट के जमीन पर विकास कार्य कराए जाने को लेकर बाउंड्री कराते हुए उस पर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से कब्जा करते हुए लोहे के दरवाजे पर अपना ताला ठोक दिया गया।
पिछले कई साल से श्मशान घाट की जमीन पर अवैध तरीके से नगर निगम के अधिकारियों द्वारा लगाए गए ताले को खुलवाने के लिए दलित समाज के लोगों ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई गई। जिसके बाद नगर निगम को श्मशान घाट के गेट पर लगाए गए ताले को खोले जाने के निर्देश दिए गए लेकिन जिले के प्रशासनिक अधिकारियों दिए गए निर्देश के बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों ने अपने हट के चलते पिछले कई वर्षों से किए गए अवैध कब्जे को कब्जा मुक्त नहीं किया गया है। जिसके चलते दलित समाज के लोगों में सब्र का बांध टूट गया और नगर निगम के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए सैकड़ों की तादाद में महिलाएं और पुरुष सड़कों पर उतर आई और श्मशान घाट के जमीन पर नगर निगम द्वारा किए गए अवैध कब्जे को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया।
वही इस मामले पर कोतवाली बन्नादेवी क्षेत्र के नगला कलार चुहरपुर सिद्धार्थनगर निवासी देवेंद्र गौतम का कहना है कि इलाके में क्षेत्रीय लोगों का श्मशान घाट बना हुआ था। जो श्मशान घाट आज भी सरकारी अभिलेखों में दर्ज है लेकिन इस सबके बावजूद नगर निगम में अवैध तरीके से इस श्मशान घाट की जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया गया। जिसके बाद दलित समाज के लोगों ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर नगर निगम के द्वारा किए गए श्मशान घाट से अवैध कब्जे को हटवाया गया था लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश के बावजूद भी श्मशान घाट के गेट पर लगाए गए ताले को नगर निगम के अधिकारियों द्वारा हटधर्मी के चलते खोला नहीं गया।