शराब भी पीती थी
दोनों आरोपियों ने पहले शराब पी । बाद में महिला ने ने खाना परोसा तो विशिष्ठ गिरी को खाने में जहर मिलाने का शक हुआ। इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हो गई। इस पर दोनों ने ईंट व लकड़ी से सिर पर वार कर विशिष्ठ गिरी की हत्या कर दी। उसी समय विशिष्ठ गिरी के सेवादार गौतमसिंह का वहां आना हो गया। उसने मारते हुए दोनों को देख लिया। हत्या काराज खुलता देख महिला ने गौतम के पैर पकड़े और लखनदास ने गौतम की टी-शर्ट से उसका गला घोंट कर हत्या कर दी।
विदेश भागना चाहते थे
दोनों की हत्या कर शव फेंकने के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए। वह नेपाल भागने की फिराक में थे। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने दोनों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि मोरा, कन्नौज निवासी छोटे सिंह उर्फ लखनदास (31) पुत्र मोनू और निमखेड़ा (जबलपुर) निवासी अनुसुईयादास त्यागी (57) पत्नी रामकिशन को गिरफ्तार किया गया है।
शवों को ठिकाने लगाने के लिए साधु की कार का इस्तेमाल
झुंझुनूं के एसपी राजर्षि राज वर्मा ने पत्रिका को बताया कि आरोपी जिस गाड़ी में शव को लेकर गए थे, वह भी मृतक विशिष्ठ गिरी की थी।। आरोपी लाश को ठिकाने लगाने के बाद कार भी अपने साथ ले गए थे। दोनों शव को हरियाणा सीमा पर नावता गांव की ढाणी के पास ईंट-भट्टे के पास बने गड्ढ़ों में डाल दिया ताकि दो राज्यों की सीमा समझकर पुलिस उलझी रहे। पुलिस ने कार को भी बरामद कर लिया है।
130 सीसीटीवी खंगाले, तब जाकर आए पकड़ में
आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस ने 130 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इसी आधार पर 500-600 किलोमीटर पीछा कर दोनों आरोपियों लखनदास व अनुसुइया को यूपी के लखनदास के गांव मोरा, गुस्साईगंज जिला कन्नौज में मकान से गिरफ्तार किया गया। हत्या की आरोपी अनुसुइया के पति का पहले ही निधन हो चुका है। मामले में 27 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई।
यह है मामला
झुंझुनूं के एसपी राजर्षि राज वर्मा ने पत्रिका को बताया कि एक जून की सुबह दोनों का शव हरियाणा सीमा के पास नावता में खेत में र्ईंट-भट्टे के पास गड्ढ़ों में पड़ा हुआ मिला था। दोनों के शव से बदबू आ रही थी। दोनों ने साधुओं के कपड़े पहने रखे थे। पुलिस ने दोनों शवों को बुहाना सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया था। अगले दिन एक की पहचान विशिष्ठ गिरी पुत्र महंत शंकरगिरी व दूसरे की गौतम सिंह शेखावत पुत्र भागीरथ सिंह निवासी बगड़ के रूप में हुई। गौतम का विशिष्ठ गिरी के पास दो साल से आना-जाना था। जबकि वह छह महीने से लगातार सेवादार के रूप में काम करने के लिए आश्रम में गया हुआ था।
पत्रिका ने कर दिया था खुलासा
पुलिस को भोदन गांव के आश्रम के चौबारे में खून के धब्बे मिले थे। तब से ही पुलिस आरोपियों के पीछे लगी हुई है। पुलिस को पत्रिका ने जहरगिरी आश्रम के विशिष्ठ गिरी व सेवादार गौतमसिंह शेखावत की हत्या में भोदन के बल्लागिरी आश्रम के छोटेसिंह उर्फ लखनदास व अनुसुइयादास का हाथ होने का शक था। पत्रिका ने 3 जून को इसका खुलासा कर दिया था।