वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने बिजली के झटके से जंगली जानवरों की मौत की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने अधिकारियों को पिछले पांच वर्षों में जंगली जानवरों की अप्राकृतिक मौत पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे पत्र में मंत्री ने संरक्षित क्षेत्रों से सटे बागानों और कृषि भूमि में अवैध बिजली की बाड़ और जाल से जंगली जानवरों की मौत पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला दिया और मामले पर दिन-प्रतिदिन की अपडेट मांगी। उन्होंने विशेष रूप से अवैध बिजली की बाड़ और जाल आदि से हुई मौतों पर पूरा विवरण प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।मंत्री ने कहा कि चाहे वह प्राकृतिक हो या अप्राकृतिक जंगली जानवरों की मौत की जानकारी उनके कार्यालय तो तुरंत दी जानी चाहिए। इसके अलावा, पोस्टमार्टम और ऑडिट की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जानी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि वे पिछले पांच वर्षों में हुए मामलों में की गई कार्रवाई, ऐसी कार्रवाइयों की वर्तमान स्थिति और घटनाओं में दंडित लोगों की संख्या पर एक व्यापक रिपोर्ट 10 दिनों में प्रस्तुत करें। वन विभाग हाथियों को मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए सौर बाड़ लगाने की अनुमति देता है। बावजूद इसके अपनी फसलों की रक्षा के लिए बेताब किसान अपनी बाड़ को ऊपर से गुजरने वाली उच्च वोल्टेज बिजली लाइनों से जोड़ देते हैं। इससे हासन, चामराजनगर, चिकमगलूरु और अन्य जिलों में जंगली जानवरों की समस्या पैदा हो गई है।
करंट लगने से मरे 30 हाथी बिजली के झटके का शिकार होने वाले वन्यजीवों में हाथियों की संख्या ज्यादा है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में वर्ष 2021 से लेकर इस वर्ष के अगस्त तक 288 हाथियों की मौत हुई है। इनमें से 30 हाथियों की मौत बिजली के झटके के कारण हुई है। अवैध शिकार के कारण छह हाथियों की मौत हुई।
वर्ष – मौतें 2021-22 – 82 2022-23 – 72 2023-24 – 97 2024-25 (अगस्त) – 37