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‘काला’ का कारनामा : जमीन किसी की अवाप्त की, मुआवजा किसी और को दे दिया

खातेदार पिछले छह-सात साल से काट रहे चक्कर, भूमि अवाप्ति सक्षम अधिकारी ने दूसरों के खाते में जमा करवा दी मुआवजा राशि
– नागौर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 62 पर आने वाले सोयला गांव का मामला

नागौरJul 01, 2024 / 11:32 am

shyam choudhary

NH 62
नागौर. नागौर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-62 के चौड़ाईकरण के लिए अवाप्त की गई भूमि का मुआवजा खातेदारों को देने की बजाए दूसरे लोगों को देने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि खातेदारों ने इस संबंध में जोधपुर के प्राधिकृत भूमि अवाप्ति अधिकारी (काला) को इस संबंध में अवगत भी करवा दिया, इसके बावजूद पिछले पांच साल से उन्हें केवल चक्कर कटवाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 62 के नगाौर-जोधपुर सेक्शन के चौड़ाईकरण को लेकर वर्ष 2011 में जमीन अवाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की। इसमें जिन खातेदारों की जमीन अवाप्त की गई, उन्हें भूमि अवाप्ति का अवार्ड जारी कर संबंधित भू-धारक/हितबद्ध पक्षकारों को मुआवजा राशि दी जानी थी। इसके लिए जोधपुर के अपर जिला कलक्टर तृतीय को प्राधिकृत भूमि अवाप्ति अधिकारी (काला) नियुक्त किया गया। इसमें कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी कर्मचारियों से मिलीभगत करोड़ों रुपए का मुआवजा उठा लिया, जबकि वास्तविक भू-धारक आज भी मुआवजे से वंचित हैं।
अधिकारियों का तर्क आधारहीन

फर्जी लोगों की ओर से मुआवजा राशि लेने की जानकारी मिलने पर वास्तविक भू-धारकों ने प्राधिकृत भूमि अवाप्ति अधिकारी के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत कर मुआवजा दिलाने की मांग की। साथ ही यह भी बताया कि जिन लोगों को मुआवजा दिया गया है, उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की है। इसके बावजूद आज तक वास्तविक भू-धारकों को मुआवजा नहीं मिला है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड में वास्तविक भू-धारकों का नाम नहीं होने के कारण ऐसा हुआ। दरअसल, वर्तमान में जो जमीन के मालिक हैं, उन्होंने आपत्ति भी नहीं लगाई। जिन लोगों को मु़आवजा मिला, उनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में थे। अधिकारियों का यह तर्क इसलिए आधारहीन लगता है, क्योंकि इस बात की जानकारी मिले हुए करीब सात से आठ साल हो चुके हैं, इसके बावजूद न तो फर्जी तरीके से मुआवजा लेने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया और न ही उनसे राशि वापस ली गई है।
अपर जिला कलक्टर खुद लिख चुके पत्र

जोधपुर के सक्षम प्राधिकारी एवं अपर जिला कलक्टर-तृतीय ने 3 सितम्बर 2019 को परियोजना निदेशक एवं अधीक्षण अभियंता, सा.निवि.(रा.उ.मा.) वृत्त जोधपुर को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि ग्राम सोयला क खसरा नम्बर 142/1 के मूल खातेदार द्वारा प्रथम अवार्ड में अवाप्त रकबा 0.0255 हैक्टेयर राशि 62,91,600 रुपए एवं द्वितीय अवार्ई में अवाप्त रकबा 0.0283 हैक्टेयर राशि 64,31,808.65 रुपए कुल राशि 1,27,23,408.65 रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया है, जबकि खसरा नं 142/1 गें मूल खातेदारों द्वारा भूखण्डों का बेचान शेरूराम पुत्र श्रवणराम राव व गोपालराम पुत्र माधुराम राव को कर दिया था। इसके बावजूद सडक़ निर्माण के लिए अवाप्त भूमि की मुआवजा राशि का भुगतान वापस नहीं किया है। अपर जिला कलक्टर-तृतीय ने यह भी बताया कि उक्त खसरे में मिश्रीलाल, पुखराज पुत्र जसाराम, देवाराम पुत्र लादूराम माली निवारी सोयला ने गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर वास्तविक खातेदारों के हिरसे की राशि प्राप्त की। इन मूल खातेदारों को कई बार दूरमाष व पत्र द्वारा सग्पर्क किया गया, लेकिन मिश्रीलाल वगैराह ने हितबद्ध खातेेदारों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया। इसलिए इस प्रकरण के संबंधित थाना में मुुकदमा दर्ज करवाना सुनिरिचत करें व प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति इस कार्यालय को भिजवाएं। जबकि मुआवजा वितरण से एनएच के अधिकारियों का कोई लेना-देना नहीं है।
सरकारी कर्मचारी भी शामिल

राष्ट्रीय राजमार्ग 62 के चौड़ाईकरण के लिए अवाप्त भूमि का मुआवजा फर्जी दस्तावेज पेश कर उठाने वालों व सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए हमने कई बार सक्षम प्राधिकारी भूमि अवाप्ति को प्रतिवेदन दे दिए, लेकिन वे केवल चक्कर कटवा रहे हैं। इसमें सरकारी कर्मचारी व अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने जानबूझकर दूसरे लोगों के खातों में मुआवजा राशि जमा करवाई। ज्ञापन देने के बावजूद इतने साल बाद भी असली खातेदारों को मुआवजा दिया ही नहीं और निर्माण को अतिक्रमण मानकर हटाने की बात कर रहे हैं, जो न्याय संगत नहीं है।
– रामनिवास चौधरी, मुआवजे से वंचित खातेदारों के अधिवक्ता, जोधपुर

खातेदार को मिलेगा मुआवजा

एनएच-62 पर जिन लोगों की जमीन अवाप्त की गई है, उनमें से जिनको मुआवजा नहीं मिला है, ऐसे प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए हमने 2 जुलाई को बावड़ी में कैम्प रखा है। इसके साथ सोयला में जिन खातेदारों का मुआवजा दूसरों के खातों में जमा हुआ है, उसकी मुख्य वजह खातेदारी में उनके नाम नहीं होना व मुआवजा नहीं मिलने पर आपत्ति दर्ज नहीं कराना रहा। लेकिन हमने बैंक में राशि फ्रीज करवा दी है और जल्द ही जांच पड़ताल के बाद खातेदार को मुआवजा दे देंगे।
– सुनीता पंकज, सक्षम प्राधिकारी (भूमि अवाप्ति) एवं अपर जिला कलक्टर (तृतीय), जोधपुर

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