मिश्रा ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं। नौतपा के दौरान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में जानें से चंद्र देव की शीतलता पर असर पड़ता है, नौतपा के दौरान सूर्य देव के प्रभाव की वजह से चंद्रमा का प्रभाव कम हो जाता है, इसी को नौतपा कहा जाता है।
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नौतपा का प्रभाव-नौतपा के दौरान आग लगने की घटनाएं अधिक हो जाती हैं।
-सूर्य की रोशनी अधिक होनी की वजह से नुकसानदायक विषाणुओं का अंत होने लगता है। –
-इस दौरान सूर्य की पूजा करें, उनको अर्घ्य दें।
-जरुरतमंदों को गर्मी से बचाव की वस्तुओं का दान देना चाहिए।
-प्याऊ लगाएं।
-तेज धूप में निकलने से बचें। बाहर जाएं तो भूखे पेट नहीं जाएं। पानी खूब पीएं।
- साथ ही दही, नींबू, नारियल पानी और ठंडे फलों का दान करें।
-भगवान कृष्ण के बालरूप की पूजा करें और उन्हें चंदन का लेप लगाएं और साथ ही मिसरी का भोग लगाएं।