गहलोत ने SC की टिप्पणी का किया स्वागत
वहीं, इस मामले में
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्षों से शुरू हुए ‘बुलडोजर कल्चर’ पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। किसी भी आरोपी के घर पर बुलडोजर चला देना न्याय नहीं है। दो वर्ष पहले मैंने इस कल्चर के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर ऐसे ही विचार रखे थे, जैसी सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। त्वरित न्याय जैसे सिद्धांत एक सभ्य और कानून का पालन करने वाले समाज में स्वीकार्य नहीं हैं और संविधान की मूल भावना के पूरी तरह विपरीत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आरोप मात्र लगने पर किसी के आशियाने को उजाड़ देना सही नहीं है, कौन आरोपी और कौन दोषी है, इसका फैसला तो कोर्ट में होता है। सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए जो लोग इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आपको बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद, राजस्थान के उदयपुर के राशिद खान और मध्यप्रदेश के मोहम्मद हुसैन की याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि बदले की कार्रवाई के तहत अल्पसंख्यकों के मकान बगैर नोटिस गिराए जा रहे हैं।