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संगरिया की सारी खबरों के लिए क्लिक करें आरोप है कि अगर विद्युत पोलों को बदलने की बारी आती है तो ग्रामीणों से खर्चा मांग लिया जाता है। अगर तारों को सही करने की बात आती है कि तकनीकी सहायक कभी भी ग्रामीणों को नहीं मिलते। तकनीकी सहायकों की
हालत तो इतनी बुरी है कि विद्युत चोरी करने वाले लोगों के साथ सांठगांठ कर रखी है। गांवों मेंघुसने वाली स्कूली बसों को चालक बड़ी मुश्किल से ही तारों से बसों को बचा पाते है लेकिन विद्युत विभाग के पास इन जमीन छूती तारों का कोई ईलाज नहीं है।
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थाने के आगे दिया धरना, एसडीएम कोर्ट में किया प्रदर्शन विभागीय अधिकारियों की मानें तो कहीं भी एेसी स्थिति नहीं है कि तारें कसी नहीं हुई हो जबकि गांवों में यह नजारा आम देखा जा सकता है। विद्युत पोलों पर लटकती मुख्य लाइनों की तारों के साथ पोलों पर लगे विद्युत मीटरों से जाने वाली सर्विस तारों का भी यही हाल है। सर्विस तारें जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिन्हें बदलने की कोई व्यवस्था विद्युत विभाग ने
अभी तक नहंी की है जबकि आम उपभोक्ता विभाग के चक्कर लगाने से बचने की कोशिश में कुछ नहंी करना चाहता है। इसके साथ ही विभाग द्वारा सर्विस तार बदलने के नाम पर ली जाने वाली मोटी फीस भी बड़ी बाधा है।