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श्री गंगानगर

पौधरोपण महाअभियान—दो लाख 11 हजार घरों को मुफ्त में मिलेंगे 17 लाख पौधे

पौधरोपण महाअभियान—22 नर्सरियों का रहा है सहयोग
—इन पौधों में इम्यूनिटी बढ़ाकर कोविड-19 माहवारी से बचाव के भी औषधीय गुण

श्री गंगानगरAug 10, 2021 / 10:39 am

Krishan chauhan

पौधरोपण महाअभियान---दो लाख 11 हजार घरों को मुफ्त में मिलेंगे 17 लाख पौधे

पौधरोपण महाअभियान—दो लाख 11 हजार घरों को मुफ्त में मिलेंगे 17 लाख पौधे

पौधरोपण महाअभियान—दो लाख 11 हजार घरों को मुफ्त में मिलेंगे 17 लाख पौधे

-22 नर्सरियों का रहा है सहयोग

—इन पौधों में इम्यूनिटी बढ़ाकर कोविड-19 माहवारी से बचाव के भी औषधीय गुण

श्रीगंगानगर.कोरोना काल ने हम सभी को वृक्षों और पौधों का महत्व बहुत अच्छे से समझा दिया है। इसके चलते जिले का वन विभाग ने नि:शुल्क औषधीय पौधे वितरण का कार्यक्रम शुरु कर रहा है। उल्लेखनीय है कि एक अगस्त से एक साथ राज्य भर में पौधरोपण कार्यक्रम शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम श्रीगंगानगर में चक एक एलएनपी के 200 घरों में 1600 सौ औषधीय पौधे नि:शुल्क वितरण कर किया गया था। इसमें प्रत्येक पौधे की ऊंचाई करीबन 5 फुट होगी। वन विभाग एक परिवार को तूलसी,गिलोय,अश्वगंधा व कालमेघ के दो-दो पौधों सहित आठ पौधे देगा। कोविड की वजह से इस बार जिले में 172 हैक्टेयर क्षेत्रफल में डेढ़ लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य मिला है।
उल्लेखनीय है कि वन विभाग ने जिले में 22 नर्सरियों में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे तैयार किए हैं। इनमें मुख्य रुप से तुलसी, गिलोय,अश्वगंधा,कालमेघ आदि पौधे शामिल किए हैं। इन पौधों में इम्यूनिटी बढ़ाकर कोविड-19 माहवारी से बचाव के भी औषधीय गुण हैं।
-गंगानगर का 1.03 व हनुमानगढ़ का 0.93 फीसदी भू-भाग में वनाच्छादित

सन 1988 की राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए कुल भौगोलिक क्षेत्र के न्यूनतम 33 फीसदी हिस्से में वन होना चाहिए। परंतु गंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों में न्यूनतम 33 फीसदी क्षेत्र को वन आच्दादित करना तो दूर इस लक्ष्य के आसपास भी नहीं पहुंचा जा सकता है। श्रीगंगानगर जिला 11978 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है,इसमें केवल 1.03 फीसदी क्षेत्र में ही हरियाली है। जबकि हनुमानगढ़ जिले तो मात्रा 0.93 प्रतिशत भू-भाग पर ही हरियाली है।
-इन बीमारियों के इलाज में मिलेगी मदद

1.तुलसी- तुलसी की पतियां कफ और वात दोष कम करने, पाचन शक्ति बढ़ाने, रक्त शुद्ध करने, बुखार, दिल की बीमारियों, पेट दर्द, मलेरिया, बैक्टीरिया व संक्रमण से बचाने के लिए फायदेमंद है।
2.गिलोय- गिलोय के पौधे आंखों के रोग में, कान की बीमारी, कब्ज, बवासीर, पीलिया, लीवर, डायबिटीज गठिया बुखार , कुष्ठ रोग, एसिडिटी सहित कैंसर जैसी बीमारियों में भी लाभदायक है।

3.अश्वगंधा- सफेद बाल की समस्या को रोकने, आंखों की रोशनी बढ़ाने, गले के रोग में, खांसी में, पेट की बीमारी, छाती के दर्द, ल्युकेरिया, त्वचा के रोग,शारीरिक कमजोरी व रक्त विकार आदि रोगों में बहुत ही फायदेमंद रहता है
4.कालमेघ- यह पौधा एसिडिटी, पेट के रोग, त्वचा रोग सोरायसिस, दस्त, पेट के कीड़े, सूजन, एनीमिया, पीलिया लीवर के रोग के साथ-साथ सांप और बिच्छू काटने में भी मददगार है।

फैक्ट फाइल

-राज्य में कुल वन आच्छादित क्षेत्र-9.54 प्रतिशत
-जिले में वन आच्छादित क्षेत्रफल-63 हजार 344 हैक्टेयर
-जिले में कुल वन-10978 वर्ग किलो मीटर

-जिले कुल वन क्षेत्र का प्रतिशत-1.03 प्रतिशत

-जिले में नर्सरी-22
-औषधिय पौधे वितरण किए जाएंगे -17 लाख

-औषधीय पौधे कितने परिवारों को मिलेंगे- 2 लाख 11 हजार
औषधीय पौधे तैयार करवा अब प्रत्येक परिवार को आठ-आठ पौधे नि:शुल्क वितरण किए जा रहे हैं। पिछले पांच सालों में जिले में 20.47 लाख पौधे लगाए गए हैं। कोविड की वजह से इस बार 172 हैक्टेयर क्षेत्रफल में डेढ़ लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य मिला है।
-आशुतोष ओझा,उपवन संरक्षक,वन विभाग,श्रीगंगानगर

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