बाघ की संभावना नहीं
वन्य जीवों की जानकारी रखने वालों का कहना है कि बाघ सरीखा यह जानवर जंगली बिलाव हो सकता है। राजस्थान में रणथंभौर टाइगर रिजर्व सवाई माधोपुर, सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर, मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व कोटा, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बूंदी और धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व में ही हैं। केसरीसिंहपुर से इन स्थानों की जो दूरी है, उसे देखते हुए बाघ का यहां तक आना असंभव है। जहां तक पड़ोसी देश पाकिस्तान से इस सीमावर्ती इलाके में तारबंदी के नीचे से बाघ के आने का सवाल है तो वहां 1920 तक सभी बाघों का शिकार हो चुका था। बाघों के संरक्षण के लिए 1970 में अभियान शुरू हुआ तो पता चला कि देश के सभी बाघों को शिकारी निपटा चुके हैं। जंगली बिलाव लगता है यह जानवर यह जानवर जंगली बिलाव लगता है। जब तक पकड़ में नहीं आता तब तक पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह सकते। जानवर को पकडऩे के लिए वन विभाग की टीम लगी हुई है।
- मोहन लाल, रेंजर वन विभाग केसरीसिंहपुर