बंद कहां-कहां
श्रीगंगानगर शहर सहित जिले की सभी तहसील और उप तहसीलें जिनमें मंडियां बनी हुई है की एंट्री रोड पर किसान अलग-अलग टीम बनाकर रहेंगे। ये टीमें दूध, सब्जी सहित कोई भी अन्य उत्पाद शहर और मंडी में नहीं आने देंगे। जिले में सूरतगढ़, रायसिंहनगर, अनूपगढ, घडसाना, जैतसर, सादुलशहर, गजसिंहपुर, मुकलावा और श्रीकरणपुर में बंद की तैयारियों को लेकर गुरुवार को बैठकें हुई जिसमें किसानों से एकजुट रहने का आह्वान किया गया।
कहां खपाएंगे दूध?
यहां यह उल्लेखनीय है कि उपखण्ड अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियां पहले ही दी हुई हैं। इस वजह से जिले में कार्यपालक मजिस्टे्रट कहीं नहीं लगाए गए हैं। कलक्टर ने श्रीगंगानगर दूध विक्रेता मजदूर यूनियन की ओर से दिए गए ज्ञापन को भी एसपी और उपखण्ड अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भिजवाया है। दूध विक्रेताओं ने ज्ञापन में कहा है कि वे किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं, लेकिन जिस घर में 200 लीटर दूध है, वह दूध कहां खपाया जाए, उनके लिए यह समस्या बनी हुई है। यूनियन का कहना है कि शुक्रवार से प्रस्तावित गांव बंद आंदोलन से पशुपालकों के नुकसान की भरपाई नहीं होगी।
यहां लगेंगे स्टॉल और नाके
किसान संगठनों की ओर से दूध व सब्जी की बिक्री करने तथा शहर में इनकी आपूर्ति ठप करने के लिए इन स्थानों पर स्टॉल और नाके स्थापित किए जाएंगे-
1. साधुवाली- गंगनहर पुल
2. एसएसबी रोड- गंगनहर पुल
3. नाथांवाला- गंगनहर पुल
4. सूरतगढ़ रोड- बाइपास चौराहा
5. पदमपुर रोड- बाइपास चौराहा
6. करणपुर रोड- चुंगी नाके के पास
7. हिन्दुमलकोट रोड- तीन पुली
आंदोलन में शामिल होने से इन्होंने किया इनकार
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा और भारतीय किसान संघ को आंदोलन में आने से किसान संगठनों ने आंदोलन में शामिल होने से इनकार किया है। गंगानगर किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारी संतवीर सिंह मोहनपुरा का कहना है कि पूर्व के आंदोलनों में भाजपा किसान मोर्चा और भारतीय किसान संघ ने उनके साथ धोखा किया है। ऐसे में हमने इन्हें आंदोलन में शामिल नहीं होने के लिए कहा है। वहीं इस बारे में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के महामंत्री सतपाल कासनिया का कहना है कि उनका मोर्चा समय-समय पर किसानों की समस्याओं को उठाता रहा है।
दूध यूनियन ने आधी रात को लगाया नाका
इस बीच रात 12 बजते ही दूध सप्लाई मजदूर संघ ने प्रधान सुभाष स्वामी की अध्यक्षता में बैठक कर कालूवाला में मुख्य रोड पर नाका लगा दिया। स्वामी ने बताया कि बैठक में कमेटियों को अलग-अलग नाकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधान सुभाष स्वामी ने बताया कि जिले में हर हाल में दूध सप्लाई रोकी जाएगी। शहर में आने वाली डेयरियों की सप्लाई भी दूध सप्लाई को रोका जाएगा। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि वे शहर से बाहर नाकों पर दूध और सब्जी खरीद सकते हैं।
ये है मांगें
संपूर्ण कर्ज मुक्ति।
फसल की लागत का डेढ़ गुणा भाव सीटू के आधार पर मिले
हर किसान की आय सुनिश्चित की जाए
दूध और सब्जी का समर्थन मूल्य निर्धारित करें
मांगों का समाधान कहां और क्या?
किसान संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि हालांकि कृषि राज्य का विषय है, ऐसे में राज्य उनकी मांगों पर विचार कर इनका हल निकाल सकता है। अगर राज्य ऐसा नहीं करता है तो फिर केंद्र सरकार के स्तर पर मांगों का हल निकलेगा। राष्ट्रीय किसान महासंघ इसके लिए केंद्र, राज्य या जिला स्तर पर किसी तरह की वार्ता नहीं करेंगे।
क्या रहेगा साइड इफेक्ट
किसानों के आंदोलन के दौरान शहरों और मंडियों में दूध, सब्जी और अनाज की किल्लत हो जाएगी। वहीं अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए फलों की व्यवस्था परिजन नहीं कर सकेंगे।
ये संगठन आंदोलन के समर्थन में
गंगानगर किसान समिति, किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान दल के अलावा आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आंदोलन को समर्थन दिया है।