श्रीगंगानगर और अनूपगढ़ जिले में करीब 1500 कार्मिक समायोजन का इंतजार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अधिशेष शिक्षकों और कार्मिकों का समायोजन होने से न केवल शिक्षकों की स्थिति को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि छात्रों की शिक्षा के स्तर को भी बढ़ाने का कार्य करेगा।
समायोजन के प्रावधान
समायोजन प्रक्रिया में यह स्पष्ट किया गया है कि समकक्ष अचयनित शिक्षकों को तभी अधिशेष माना जाएगा जब वे कार्यग्रहण के बाद किसी विद्यालय में सेवारत हों। यदि विद्यालय में पदों की संख्या मानदण्डों से अधिक है,तो ऐसे शिक्षकों को अधिशेष माना जाएगा। इसके अलावा, जिन विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षक के पद के लिए चयनित शिक्षक हैं, लेकिन वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशकों की भर्ती हो चुकी है, उन्हें भी अधिशेष माना जाएगा। शहरी क्षेत्र के अधिशेष कार्मिकों का समायोजन शहरी क्षेत्र में तथा ग्रामीण क्षेत्र के अधिशेष कार्मिकों का समायोजन ग्रामीण क्षेत्र में ही किया जाएगा। अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के लिए चयनित हुए शिक्षकों व कार्मिकों के अधिशेष होने की स्थिति में उन्हें अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में प्राथमिकता से लगाया जाएगा।
समायोजन प्रक्रिया का विवरण व निर्धारित तिथि
– अधिशेष कार्मिकों की पदवार सूची तैयार करना एवं समायोजन योग्य कार्मिकों की संभावित पदस्थापन स्थान सहित सूची तैयार करना: 25 नवंबर – माध्यमिक शिक्षा विभाग में क्रम संख्या-02 की कार्यवाही के उपरान्त शेष अधिशेष कार्मिकों की सूची प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को सुपुर्द करना: 28 नवंबर – प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक शिक्षा विभाग से लौटाए गए तथा प्रारम्भिक शिक्षा में अधिशेष कार्मिकों की समेकित पदवार सूची तैयार करना: 2 दिसंबर तक – प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से संभावित पदस्थापन स्थान सहित सूची तैयार करना: 4 दिसंबर तक
– प्रारम्भिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से पदस्थापन आदेश जारी करना: 6 दिसंबर तक
ये रहेगी कार्मिकों के समायोजन प्रक्रिया
अधिशेष शिक्षकों के समायोजन को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी विद्यालय में रिक्त पदों की स्थिति में ही समायोजन किया जाएगा। प्राथमिकता उसी विद्यालय में रिक्तियों के आधार पर दी जाएगी, फिर भी द्वितीय और तृतीय श्रेणी में अन्य विद्यालयों में समायोजन किया जाएगा। अधिशेष शिक्षकों की पहचान प्रक्रिया
शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रत्येक विद्यालय में स्वीकृत पदों का निर्धारण किया जाएगा।
अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के लिए, शिक्षकों की पहचान राज्य सरकार के पूर्व निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी, जिसमें विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की अद्यतन स्थिति का निर्धारण किया जाएगा। हिन्दी माध्यम विद्यालयों में भी इसी प्रकार पदों का निर्धारण किया जाएगा, जिसके तहत न्यूनतम नामांकन के आधार पर अधिशेष शिक्षकों की पहचान की जाएगी।