एक-एक बिंदु की पड़ताल– कायाकल्प टीम ने गुरुवार को कार्यवाहक उप-नियंत्रक डॉ.सीके गर्ग, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. निर्मल सैनी, कार्यवाहक नर्सिंग अधीक्षक सरोज वाल्मीकि को साथ लेकर एक-एक वार्ड में जाकर चिकित्सा सुविधाएं, साफ-सफाई, रोगी को मिल रही सुविधा, रिकॉर्ड संधारण, दवा की व्यवस्था, रोगी से नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार, दवा स्टॉक, लैबर रूम, ओटी में उपकरण, ऑपरेशन की सुविधा आदि की बारीकी से जांच की गई।
६०० में से मिलेंगे अंक– चिकित्सालय प्रबंधन को कायाकल्प टीम आने की पहले से सूचना मिली गई थी। इसके लिए चिकित्सालय में साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्था पहले से बेहतर की गई। लेकिन कायाकल्प की टीम ने हर एक निर्धारित मापदंड को छूने की कोशिश की गई। इसमें तीन सौ सवाल होते हैं और इनके ६०० नंबर मिलते हैं। इनमें राज्य में अधिक अंक प्राप्त करने वाला जिला चिकित्सालय को कायाकल्प का आवार्ड राज्य स्तर पर मिलता है।
—— कब-कब करना होता है निरीक्षण – जिला चिकित्सालय पहले खुद करता है निरीक्षण, एक-एक बिंदु की जांच कर निकाली जाती है कमियां। – एक माह में मिली कमियों को दुरुस्त कर ७५ प्रतिशत अंक स्वयं संतुष्टि होने पर देकर इंटर जिला टीम का निरीक्षण।
– ७५ प्रतिशत अंक मिलने पर इंटर जिला के तहत नागौर जिले की टीम ने किया था दो माह पहले अस्पताल का निरीक्षण। – नागौर की टीम ने बेहतर अंक दिए, इस कारण गुरुवार राज्य स्तरीय टीम ने किया अस्पताल का निरीक्षण।