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स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में यूथ का कार्यक्रम रखा गया। इसका शुभारम्भ स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। सर्वप्रथम रमेश आसवानी ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला एवं ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया। संचालिका बी के रानी बहन ने यूथ को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने के साथ साथ शपथ ग्रहण भी करवाई। उन्होंने कहा कि आलस्य पतन की जड़ है। आलस्य को त्यागो और अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहो। हार होने पर घबराएं नही बल्कि और अधिक मेहनत करें। अपने मनोबल को कभी गिरने ना दें। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अर्चना ने भी युवाओं कोई स्वामी विवेकानंद के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। इसके आलावा बीके पुष्पा बहन एवं पीलीबंगा के विनोद गोयल ने भी विचार रखे।
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युवा दिवस पर रविवार को गुरुशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रभारी लक्ष्मीदेवी नंदा ने राष्ट्रीय युवा दिवस की महत्ता व स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन पर विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बलराम चौधरी ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व विस्तार पूर्वक बताते हुए उनके जीवन दर्शन व शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के शिकागो सम्मेलन व जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंग व पक्षों की दूरदर्शिता को प्रेरक बताया। वक्ताओं ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षा के अनुसार वर्तमान समय में हमें साहित्य व पुस्तकों की ओर लौटना होगा। जिससे हम भारतीयता के परचम को ओर आगे लेकर जा सके। इस अवसर पर संकाय सदस्य चंद्रकला, डॉ. गौरीशंकर निमिवाळ, डॉ. अर्चना तंवर ने युवा दिवस व स्वामी विवेकानंद जी पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन अंजू चाहर ने किया।