बीकानेर रेंज के सीआईडी सीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुम कयाल और श्रीगंगानगर महिला सेल के पुलिस उप अधीक्षक रमेश माचरा ने घटनास्थल की जांच की। पुलिस ने घटना पर एफएसएल टीम को बुलाया। टीम के अलावा इन अधिकारियों ने इस घटना से जुड़े हर पहलूओं के बारे में जांचा।
रावला सीआई बलवंत राम ने बताया कि संबंधित आरोपी दादा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इससे पूछताछ भी की गई है। इस मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक माचरा कर रहे हैं। इधर, इस घटना को लेकर सीएमचओ के निर्देश पर यहां जिला चिकित्सालय के कार्यवाहक पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह चौहान ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। इसमें तीन चिकित्सक थे। बोर्ड ने बच्ची का मेडिकल मुआयना किया।
पीड़ित बच्ची ने जब अपनी पीड़ा अपनी मां को बताई वह लोक लज्जा के कारण दो दिन चुप रही लेकिन पीड़ित बच्ची का दर्द देखकर वह तीसरे दिन रावला थाने पहुंची। पीड़ित की मां ने परिवाद दिया कि वह मनरेगा में मजदूरी करने के लिए नौ जनवरी को जा रही थी तो अपने दोनों बच्चों को रिश्ते में लगने वाले काका ससुर की देखरेख में छोड़ दिया। शाम को वापस आकर काम में व्यस्त हो गई। अगले दिन उसकी बच्ची ने अपनी पीड़ा जाहिर की।
इसमें बताया कि दादा ने उसे अकेली पाकर कच्चे कोठे में ले जाकर गलत काम किया। दर्द से कहराते हुए इस बच्ची के बारे में अपने पति के बजाय अपनी बहन से जिक्र किया। मां को अंदेशा था कि घर में कलह हो जाएगी। ऐसे में दूसरे जिले में रहने वाली उसकी बहन को बुलाया और वह अगले दिन रविवार को पहुंची। इस पर पीड़िता की मां बच्ची को न्याय दिलाने के लिए राजी हो गई और थाने में लेकर आई। पुलिस ने इस बच्ची के साथ हुए इस घटनाक्रम के संबंध में संबंधित आरोपी दादा के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।