उल्लेखनीय है कि मिशन निदेशक एनएचएम ने पीएमओ को पत्र लिखकर कहा कि बीसीएययू लाइसेंस आवेदन के लिए शेष कार्यवाही ( रिनोवेशन इलैकिट्रक वर्क अर्थिंग एसओपी फार्म 27 सी मानव संसाधन एवं प्रशिक्षण )आदि की पूर्ण तैयारियां कर ली जाए ताकि मशीन सप्लाई होते ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकें।
राज्य में यहां-यहां पर स्थापित की जा रही है यूनिट ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट राजकीय बल्ड बैंक श्रीगंगानगर,ब्यावर,धौलपुर,अलवर,झुंझुनू,बूंदी,चितौडगढ़़,डूंगरपुर,बाड़मेर,जालौर व राजकीय बल्ड बैंक महिला चिकित्सालय जयपुर में स्थापित किया जाना है। मशीन सप्लाई करने वाली फर्म के बीच न्यायालय में विवाद की वजह से पिछले तीन साल से यूनिट में मशीन सप्लाई का कार्य बीच में अटका हुआ था। अब दोनों फर्म के बीच समझौता होने पर न्यायालय से मामला का निस्तारण हो चुका है। इस कारण अब यूनिट दो महा में शुरू होनेकी उम्मीद है।
क्यूं शुरू नहीं हो पाई एसडीपी की सुविधा वर्तमान में वस्तुस्थिति यह है की राज्य स्तर पर आरडीपी सुविधा शुरू किए जाने के लिए आवश्यक मशीनरी क्रय किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। दो माह के भीतर राज्य में जहां-जहां यह सुविधा शुरू की जानी प्रस्तावित है वहां मशीनों की सप्लाई कर दी जाएगी। एक अन्य मुद्दा यह है कि किसी भी ब्लड बैंक में यह सुविधा शुरू किए जाने के लिए लाइसेंस दिए जाने की शर्त यह है कि एसडीपी एवं आरडीपी दोनों सुविधाओं के लिए एक साथ एक ही लाइसेंस जारी किया जाता है। इसी कारण एसडीपी की सुविधा भी अभी तक शुरू नहीं की गई।
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जिला चिकित्सालय में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट जल्दी ही शुरू की जाएगी। इस यूनिट के लिए एसडीपी मशीन आ चुकी है और अब आरडीपी की मशीन खरीद की प्रक्रिया जयपुर स्तर पर चल रही है। इस मशीन की सप्लाई मिलते ही लाइसेंस लेकर यूनिट शुरू की जाएगी। वर्तमान में चिकित्सालय में हॉल ब्लड चढ़ाया जाता है और बाद में रक्त तत्व विभाजन करके रोगी की जरूरत के अनुसार ही तत्व चढ़ाने की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.बलदेव सिंह चौहान,पीएमओ,राजकीय जिला चिकित्सालय,श्रीगंगानगर।