वहां दुल्हन बनी किशोरी के मेहन्दी रचाई जा चुकी थी और अनूपगढ़ से बारात भी आ चुकी थी। संयुक्त टीम ने जब दुल्हन के आयु संबंधित दस्तावेजों की जांच की तो उसकी आयु चौदह साल पाई गई। इस पर जांच दल ने बाल विवाह रोक दिया। इस संबंध में दूल्हे और बारातियों को वापस अनूपगढ़ बैरंग लौटाया।
इस दौरान किशोरी के परिजनों को पाबंद भी किया गया। इस दौरान हलवाई व फोटोग्राफर को टीम ने कानून का पाठ पढ़ाया गया। आंनद कारज करवाने वाला पाठी मौका पाकर फरार हो गया। विवाह स्थल जवाहरनगर पुलिस के क्षेत्राधिकार में था, ऐसे में वहां जवाहरनगर पुलिस का पहरा भी तैनात किया गया।
रिबन कटाई की चल रही थी रस्म
शादी शुक्रवार को दिन में होने जा रही थी, दोपहर बारह बजे यह विवाह सपन्न कराने के लिए वर और वधू पक्ष के लोग मंगल गीतों के बीच एकत्रित हुए थे। बारातियों का स्वागत भी धूमधाम से किया गया। बाल विवाह रुकवाने के लिए यह टीम जब मौके पर पहुंची तो बारात अनूपगढ़ से आ चुकी थी। दूल्हा रिबन कटाई की रस्म अदायगी में लगा था। मंगल गीत गाए जा रहे थे। मेहमान व रिश्तेदार व्यजंनों का लुप्त उठा रहे थे।