वहीं,
भरतपुर जिले से मात्र 38 किमी की दूरी पर स्थित डीग जिले को यथावत रखने पर पक्षपात कहते हुए सवाल उठाए। साथ ही अनिश्चितकालीन बाजार बंद व चक्काजाम या गांधीवादी तरीके से आंदोलन शुरू करने पर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन लोगों के आक्रोश के चलते गांधीवादी तरीके को दरकिनार कर लोगों ने नेशनल हाइवे 911 को जाम करने का निर्णय लिया।
साथ ही विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों ने बाजार बंद सहित हर सम्भव सहयोग का भरोसा दिया। बैठक के दौरान अनूपगढ़ जिला बचाओ समिति का भी गठन किया गया, जिसकी बागडोर अध्यक्ष के रूप में संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश बिश्नोई को सौंपी गई। बैठक में रामदेवी बावरी ने पंचायत समिति सदस्य डायरेक्टर के पद से त्याग पत्र देने की घोषणा करने के साथ सरकार की निन्दा की।
मुख्यमंत्री से मिलकर निर्णय को वापिस लेने की मांग करेंगे: छाबड़ा
कपड़ा यूनियन के अध्यक्ष रामपाल आहूजा, आयरन स्टोर यूनियन के अध्यक्ष संजय शर्मा, निजी शिक्षण संस्था संघ के अध्यक्ष मनसुख, स्वर्णकार यूनियन के अध्यक्ष गजानन्द सोनी तथा किरयाना यूनियन के अध्यक्ष दिनेश सेतिया ने आंदोलन में पूरी तरह से साथ देने का पूरा भरोसा दिया। व्यापार मंडल कोषाध्यक्ष शंकर शर्मा ने कहा कि सरकार ने अनूपगढ़ जिला तोड़कर हमारे साथ धोखा किया है। ट्रक यूनियन के अध्यक्ष बनवारी लाल ने कहा कि भाजपा के लोगों को खुलकर इस आंदोलन में आना चाहिए। पार्षद सुखविंदर मक्कड ने कहा कि मैं सभी पार्षदों और सभापति से आग्रह करता हूं कि वे नगर परिषद बोर्ड से त्याग पत्र दें। पार्षद भूपेंद्र सिंह ने भी आंदोलन में सहयोग का आश्वासन दिया। पार्षद राजू चलाना ने कहा कि इस संघर्ष व लड़ाई में हम त्याग पत्र देने के लिए तैयार हैं। सभी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद करके चाबियां प्रशासन को सौंप दें।
गोपाल डागला ने भी कहा कि पूरे इलाके में सरकार के इस मिलने से मातम छाया हुआ है। भाजपा नगर मंडल के पूर्व अध्यक्ष व व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहित छाबड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर अनूपगढ़ जिले के निरस्त करने के निर्णय को वापिस लेने की मांग की जाएगी।
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से त्याग पत्र की मांग
बैठक में माकपा के युवा नेता सुनील गोदारा ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए मंच संचालन किया। वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता भजनलाल कामरा ने कहा कि जिला वापिस लेने के लिए संघर्ष गांधीवादी तरीके से किया जाए या सरकार को आंख दिखाई जाए। हमें इस लड़ाई को पूरी ताकत के साथ लड़ना होगा।
मनिहारी यूनियन के अध्यक्ष विजय धूड़िया ने सरकार के निर्णय की निंदा करते हुए अनूपगढ़ विधानसभा के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से त्याग पत्र देने की मांग की। बार संघ अध्यक्ष रमेश सारस्वत ने कहा कि हमें सरकार के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण लेनी चाहिए।