खास खबर

World Architecture Day : जोधपुर का अतीत याद रख कर स्मार्ट बने जोधपुर

जोधपुर के अतीत,वर्तमान और भविष्य के आर्किटेक्ट पर पेश है जाने माने आर्किटेक्ट अनु म़ृदुल के विचार :

Oct 01, 2018 / 10:59 am

M I Zahir

New heritage waterpond Birkha Bawri

-अनु मृदुल. जाने माने आर्किटेक्ट
जोधपुर.आज ब्लू सिटी अपने पूरे शबाब पर है। किसी भी शहर की आइकॉनिक इमारतें उस शहर की पहचान हो सकती हैं,लेकिन शहर में आम जन की ओर से आबाद की गई प्राकृतिक व निर्मित सम्पदा ही उस शहर का स्थापत्य प्रतिष्ठित करती हैं। जैसे कोई भी नाटक दर्शकों के बिना मुककम्मल नहीं होता। वैसे ही स्थापत्य , कला, संस्कृति, अर्थ और खुशहाल जीवन के पनपने से इन्सानों के आबाद होने से मुकम्मल होता है। इंटरनेट पर उपलब्ध जोधपुर के विहंगम चित्रों में इस शहर के बहुत मनोहारी दृश्य नजर आते हैं। पुराने शहर की खूबसूरत और आकर्षक तस्वीरें, मेहरानगढ़, पचेटिया, घंटाघर, उम्मेद भवन और नई उभरती इमारतें व उनसे बदलती हार्टलाइन, ऐसे दृश्य जो प्राकृतिक दृष्टि से नहीं देखे जा सकते। जोधपुर की इतनी आकर्षक छवि हमें गौरवान्वित करती हैं और पर्यटकों को यहां आने के लिए मजबूर करती है, लेकिन जो इन तस्वीरों में नजऱ नहीं आता, वह है स्वच्छ जलस्रोतों को दूषित करते गंदे उफनते नाले, बढ़ते कचरे के अम्बार, गंदगी से अटी गलियां, निरंतर प्रदूषित होती हवा, ह्रास होती स्थानीय शिल्प कलाएं व स्थापत्य धरोहर। इन हवाई तस्वीरों में जमीनी हकीकत चित्रित नहीं होती।
शहर की बढ़ती समस्याएं, विवशताएं और विषमताओं के लिए नागरिक व सरकार बराबर के जिम्मेदार हैं। एक तरफ नित नई बनती कॉलोनियों में सरकार के पास पर्याप्त पानी नहीं होना और दूसरी तरफ वर्षा के पानी का बाढ़ बन कर कहर बरपाते हुए लगभग पूर्ण रूप से क्षय होना। पड़ौसी राज्य पर पानी की निर्भरता और रोज प्राचीन बावडिय़ों व कुआें से पानी निकाल कर नालों में व्यर्थ करने की मजबूरी है। प्रचुर मात्रा में सौर से किफायती ऊर्जा की संभावना होते हुए बढ़ती और ऊंची दरों की बिजली। निरंतर बढ़ते व्यय और घटते आय के स्रोत। साथ ही इन विषमताओं में ही निहित नजऱ आता है समाधान।
कस्तूरी कुंडल बसे मृग ढूंढत बन माहि
बहरहाल जोधपुर में अर्थ व संसाधनों पर आत्मनिर्भर होने की प्रचुर क्षमताएं है। प्राकृतिक, निर्मित और विरासत में मिली सम्पदा का एक पोर्टफोलियो बना कर बॉटम अप नीति में जोधपुर के सतत विकास की विपुल संभावनाए निहित हैं, समाहित हैं। मोहल्ले या वार्ड के स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पाद, कचरा और सीवर रीसाइकल और पुन: उपयोग, वर्षा का संचयन कर छोटा व किफायती स्थानीय नेटवर्क से वितरण, जिसकी रखरखाव की लागत भी काम होगी, एक कारगर प्रणाली बन सकती है। लिहाजा ब्लू सिटी की स्थापत्य और शिल्प कला से समृद्ध प्राचीन विरासत का पुनरुत्थान कर मुख्यधारा से जोड़ें तो न सिर्फ संसाधन मजबूत होंगे, बल्कि पर्यटन व अन्य माध्यमों से वृहद् आय के स्रोत बनेंगे और आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। जोधपुर का स्मार्ट सिटी बनने का मंत्र ही यह है कि अंतरनिहित संभावनाएं तलाशें और तराशें।

Hindi News / Special / World Architecture Day : जोधपुर का अतीत याद रख कर स्मार्ट बने जोधपुर

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.