scriptभारतीय वैज्ञानिक असीमा चटर्जी पर गूगल का डूडल, जानिए कौन थीं | Who was Asima Chatterjee? Google Doodle celebrates the 100th birthday | Patrika News
खास खबर

भारतीय वैज्ञानिक असीमा चटर्जी पर गूगल का डूडल, जानिए कौन थीं

गूगल ने आज भारतीय वैज्ञानिक असीमा चटर्जी के 100वें जन्मदिन पर उनका डूडल लगाया है। आइए जानते हैं कौन थीं असीमा चटर्जी।

Sep 23, 2017 / 10:04 am

Dharmendra

Asima Chatterjee
गूगल ने आज भारतीय वैज्ञानिक असीमा चटर्जी के 100वें जन्मदिन पर उनका डूडल लगाया है। असीमा चटर्जी एक भारतीय रसायनशास्त्री थीं। उनका जन्म 23 सितंबर 1917 को हुआ था और 90साल की उम्र में 22 नवंबर 2006 को निधन। असीमा ने जैवरसायन विज्ञान और फाइटोमेडीस्किन की फील्ड में यादगार काम किया। इसमें विना एल्कालोड्स पर रिसर्च शामिल है। उन्होंने एंटी-मिर्जिलेट और एंटी-मलेरीय ड्रग्स बनाईं। वे उन चुनिंदा वैज्ञानिकों में थी जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के औषधीय पौधों पर लंबा रिसर्च किया।
Asima Chatterjee
कोलकाता में पलीं-बढ़ीं
असीमा चटर्जी (पूर्व मुखर्जी) का जन्म 23 सितंबर 1917 को बंगाल में हुआ था। वे बचपन से होनहार छात्रा थीं। कोलकाता में पली बढ़ीं। कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्कॉटिश चर्च कॉलेज में दाखिला लिया, 1936 में रसायन विज्ञान ग्रेजुएशन किया। असीमा चटर्जी ने 1938 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से जैवरसायन विज्ञान में मास्टर की डिग्री ली। 1944 में डॉक्टरेट किया। उन्होंने डॉक्टरेट रिसर्च में पौध उत्पादों और कृत्रिम जैविक रसायन विज्ञान के रसायन विज्ञान पर फोकस किया था। असीमा के रिसर्च ने प्राकृतिक उत्पादों के रसायन विज्ञान के आसपास केंद्रित किया और इसके परिणामस्वरूप विरोधी, विरोधी मलेरिया और कीमोथैरेपी दवाओं का निर्माण हुआ। वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रेमचंद रॉयचंद स्कॉलर थीं।
Asima Chatterjee

हाइलाइट्स

1944 भारतीय विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा जनिकी अम्माल के बाद दूसरी महिला थीं, जिन्हें डॉक्टरेट ऑफ साइंस प्रदान किया गया था।

1962 से 1982 तक, वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित और प्रतिष्ठित कुर्सियों में से एक रसायन विज्ञान के खैरा प्रोफेसर थे।

1972 यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (भारत) द्वारा स्वीकृत प्राकृतिक उत्पाद रसायन विज्ञान में शिक्षण और अनुसंधान में तेजी लाने के लिए, उन्हें विशेष सहायता कार्यक्रम के मानद समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया था।

1960 उन्हें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के एक फैलो चुना गया।

1961 उन्हें रसायन विज्ञान में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला। पुरस्कार पाने वाली वह पहली महिला थीं।

1975 उन्हें पद्म भूषण दिया गया और भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ के जनरल राष्ट्रपति के रूप में चुना जाने वाला प्रथम महिला वैज्ञानिक बन गया। उन्हें कई विश्वविद्यालयों द्वारा डी एस सी (ऑनोरिस कासा) की डिग्री प्रदान की गई थी।

1982 से मई 1990 तक राज्य सभा सदस्य रहीं। राष्ट्रपति ने उन्हें नामित किया था।

Hindi News / Special / भारतीय वैज्ञानिक असीमा चटर्जी पर गूगल का डूडल, जानिए कौन थीं

ट्रेंडिंग वीडियो