ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या है। सनातन धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है। इस पर साल का दूसरा और
अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह कंकण सूर्य ग्रहण होगा। सूर्यग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है।
इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। इस दौरान तीन ग्रहों पर राहु की सीधी दृष्टि रहने वाली है। इस दौरान कन्या राशि में बुध, केतु और सूर्य रहेंगे। राहु की सीधी दृष्टि इन सभी ग्रहों पर रहने वाली है। ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता में ग्रहण के बारे में भविष्यवाणी की गई है। लिखा है कि जब एक ही महीने में दो ग्रहण होते हैं, तब दुनिया में हादसों की वजह से जनहानि होती है।
नहीं लगेगा सूतक
भारत में दिखाई नहीं देने से सूतक काल मान्य नहीं होगा। ग्रहण का ज्यादातर पथ प्रशांत में होगा। दक्षिण अफ्रीका के चिली और अर्जेंटीना में यह दिखेगा।
इस साल में कुल 4 ग्रहण
साल 2024 में चार ग्रहण रहे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण। पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को होली के दिन, वहीं दूसरा चंद्रग्रहण 18 सितंबर को रहा। पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रेल को था, वहीं दूसरा 2 अक्टूबर को होगा।
पहला चंद्र और सूर्य ग्रहण सोमवार को रहे, वहीं दूसरा चंद्र और सूर्य ग्रहण बुधवार को है।
यहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी-अमेरिका के दक्षिणी भाग, प्रशान्त महासागर, एटलांटिक महासागर, न्यूजीलैंड, फिजी आदि देशों में कुछ समय के लिए दिखाई देगा। मुख्य रूप से चिली, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, पेरू, न्यूजीलैंड में दिखेगा। ग्रहण की कंकण कृति केवल दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जन्टीना में ही दिखाई देगी।