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समंदर में समाए खजाने का ‘मास्टर मैप’ बनाया खोजकर्ताओं ने

वैज्ञानिकों ने द्वीप से दूर उस जगह को ढूंढ निकाला है, जहां पर 1526 से 1976 के बीच 176 जहाज डूब गए थे। इन जहाजों में से कुछ सोना-चांदी लेकर जा रहे थे, कुछ में चीनी, तंबाकू और कपास से लेकर अफ्रीकी दास भी थे। विशेषज्ञों की ओर से तैयार किया गया ‘मास्टर मैप’ जहाजों के मलबे के स्थान को दर्शाता है।

Jun 10, 2023 / 05:46 pm

Kiran Kaur

समंदर में समाए खजाने का 'मास्टर मैप' बनाया खोजकर्ताओं ने

समंदर में समाए खजाने का ‘मास्टर मैप’ बनाया खोजकर्ताओं ने

नई दिल्ली। प्राचीन समुद्र तटों और शानदार मौसम की वजह से बहामास, ब्रिटेन के लोगों के लिए बेहतरीन पर्यटन स्थल है। लेकिन सदियों से यह द्वीप, बरमूडा ट्राएंगल के रूप में जाने जाने वाले समुद्र के सबसे डरावने हिस्से के बीच स्थित है। यह ट्रांएगल 15वीं शताब्दी के बाद से कई जहाजों को निगल चुका है। अब वैज्ञानिकों ने द्वीप से दूर उस जगह को ढूंढ निकाला है, जहां पर 1526 से 1976 के बीच 176 जहाज डूब गए थे। इन जहाजों में से कुछ सोना-चांदी लेकर जा रहे थे, कुछ में चीनी, तंबाकू और कपास से लेकर अफ्रीकी दास भी थे। विशेषज्ञों की ओर से तैयार किया गया ‘मास्टर मैप’ जहाजों के मलबे के स्थान को दर्शाता है।

दस्तावेजों और ऐतिहासिक स्रोतों के जरिए की पहचान: उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित बरमूडा ट्राएंगल, अमरीका के फ्लोरिडा, प्यूर्टो रिको और बरमूडा तीनों को जोडऩे वाला त्रिकोण है। नक्शे के मुताबिक समुद्र की लहरों में समाए सबसे ज्यादा (77) जहाज अमरीकी थे। जबकि 36 जहाज ब्रिटिश और 19 स्पेनिश थे। 16वीं सदी में तीन, 17वीं सदी में आठ और 18वीं सदी के दौरान 10 समुद्री जहाज लापता हुए थे। जबकि कुल जहाजों में से 82%, 19वीं सदी में समंदर की गहराइयों में समा गए। इतिहास की इन परतों को खोलने का काम शोधकर्ता जेम्स जेनी ने अमरीकी फर्म एलन एक्सप्लोरेशन के साथ मिलकर शुरू किया। इसे ‘बहामास लॉस्ट शिप प्रोजेक्ट’ नाम दिया गया। शोध दल ने उत्तरी बहामास में लापता जहाजों के मलबे के स्थानों की पहचान करने के लिए पुराने दस्तावेजों और अखबारों की कतरनों सहित ऐतिहासिक स्रोतों का इस्तेमाल किया।
अमरीका, ब्रिटेन को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान:

शोधकर्ताओं ने पाया कि 450 वर्षों के दौरान अधिकांश हादसे (70 फीसदी) ग्रैंड बहामा द्वीप के पश्चिमी सिरे के ऊपर लिटिल बहामा बैंक वाले क्षेत्र में हुए। 85 प्रतिशत मलबा, व्यापारी जहाजों का था। लकड़ी, चीनी सहित 251 तरह के कार्गाे की पहचान की गई। सोना, चांदी और धन लेकर जा रहे आठ जहाजों के डूबने के कुछ समय बाद ही कीमती वस्तुओं के इस खजाने को निकाल लिया गया। 1822 से 1866 के बीच कपास जैसा मूल्यवान माल ले जा रहे 17 जहाज डूब गए थे। जहाजों के डूबने से रेकॉर्ड में दर्ज 25 गंतव्यों सहित अमरीका (52%), ब्रिटेन (24%) और स्पेन (13%) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। कई शोधों में पाया गया है कि स्थानीय मौसम के कारण यहां ऐसे हादसे होते हैं।
संकट में संभावनाएं तलाशने लगे स्थानीय लोग:

नए शोध से पता चलता है कि लापता हुए जहाजों को क्षतिग्रस्त होने से बचाना मुश्किल नहीं था। ऐसे में डूबे हुए जहाज में लदे माल को पाने के लिए गोताखोरी बहामास की अर्थव्यवस्था का प्रमुख पेशा बन गया क्योंकि स्थानीय शहर नासायु के लोग खेतों में घंटों कड़ी मेहनत करने की बजाय जल्दी अमीर हो जाना चाहते थे। बहामास लॉस्ट शिप प्रोजेक्ट की सूची में मौजूद 60 जहाजों के कार्गो को 1656 से 1908 के दौरान स्थानीय बचावकर्ताओं ने निकाल लिया। प्राप्त हुए 37 प्रकार के कार्गो में कपास और चीनी सबसे आम थे। इसके बाद लकड़ी, गुड़, सोना, चांदी और सिक्के शामिल थे। शोध के परिणामों को ‘बहामास समुद्री संग्रहालय’ में प्रदर्शित किया गया है।

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