अमरीका, ब्रिटेन को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान: शोधकर्ताओं ने पाया कि 450 वर्षों के दौरान अधिकांश हादसे (70 फीसदी) ग्रैंड बहामा द्वीप के पश्चिमी सिरे के ऊपर लिटिल बहामा बैंक वाले क्षेत्र में हुए। 85 प्रतिशत मलबा, व्यापारी जहाजों का था। लकड़ी, चीनी सहित 251 तरह के कार्गाे की पहचान की गई। सोना, चांदी और धन लेकर जा रहे आठ जहाजों के डूबने के कुछ समय बाद ही कीमती वस्तुओं के इस खजाने को निकाल लिया गया। 1822 से 1866 के बीच कपास जैसा मूल्यवान माल ले जा रहे 17 जहाज डूब गए थे। जहाजों के डूबने से रेकॉर्ड में दर्ज 25 गंतव्यों सहित अमरीका (52%), ब्रिटेन (24%) और स्पेन (13%) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। कई शोधों में पाया गया है कि स्थानीय मौसम के कारण यहां ऐसे हादसे होते हैं।
संकट में संभावनाएं तलाशने लगे स्थानीय लोग: नए शोध से पता चलता है कि लापता हुए जहाजों को क्षतिग्रस्त होने से बचाना मुश्किल नहीं था। ऐसे में डूबे हुए जहाज में लदे माल को पाने के लिए गोताखोरी बहामास की अर्थव्यवस्था का प्रमुख पेशा बन गया क्योंकि स्थानीय शहर नासायु के लोग खेतों में घंटों कड़ी मेहनत करने की बजाय जल्दी अमीर हो जाना चाहते थे। बहामास लॉस्ट शिप प्रोजेक्ट की सूची में मौजूद 60 जहाजों के कार्गो को 1656 से 1908 के दौरान स्थानीय बचावकर्ताओं ने निकाल लिया। प्राप्त हुए 37 प्रकार के कार्गो में कपास और चीनी सबसे आम थे। इसके बाद लकड़ी, गुड़, सोना, चांदी और सिक्के शामिल थे। शोध के परिणामों को ‘बहामास समुद्री संग्रहालय’ में प्रदर्शित किया गया है।