लक्ष्य से काफी दूर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति: चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, दिल्ली, महाराष्ट्र, मेघालय और लद्दाख, केवल नौ राज्यों ने नए आवासीय भवनों, कार्यालयों, पार्किंग स्थलों और मॉल आदि में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को अनिवार्य किया है। वहीं केरल और मध्यप्रदेश अपने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के 2022 के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं। देश में सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशनों के साथ दिल्ली ने 2024 तक इनकी संख्या 30,000 करने का लक्ष्य रखा है लेकिन वह फिलहाल इसका केवल 9.67 फीसदी ही हासिल कर पाई है।
ग्रीन जोन बनाने में फिलहाल कोई प्रगति नहीं: सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण के मामले में भी राज्य पिछड़ रहे हैं। तमिलनाडु का लक्ष्य 2030 तक हर साल पांच फीसदी बसों को इलेक्ट्रिक में बदलना है, लेकिन राज्य में अब तक ऐसी एक भी बस नहीं है। केरल ने 2025 तक 6,000 बसों का लक्ष्य रखा है, लेकिन यहां फिलहाल केवल 56 हैं। सात राज्यों ने स्मार्ट सिटी पहल के तहत ‘ग्रीन जोन’ बनाने का लक्ष्य रखा है, जहां केवल शून्य उत्सर्जन वाले वाहन जैसे ईवी, साइकिल रिक्शा और साइकिल की चलेंगे हालांकि अभी तक इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है।