शहडोल. संभागीय मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल 40 उद्योगपतियों ने 32 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव रखे हैं। उद्योगपतियों ने यहां की जलवायु, अपार खनिज संपदा व पर्याप्त बिजली, पानी व वन संपदा की उपलब्धता को देखते हुए निवेश की इच्छा जाहिर की है। कॉन्क्लेव में मिले इन निवेश प्रस्तावों से संभाग को नई उडान मिलेगी। उद्योगों में निवेश से पूरे क्षेत्र का कायाकल्प होगा, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संभाग खनिज और वन संपदा से भरपूर क्षेत्र है। अमरकंटक मां नर्मदा और सोन जैसी पवित्र नदियों का उद्गम स्थल है। यहां उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं है। खनिज और ऊर्जा के क्षेत्र में यहां कई बड़े प्रस्ताव मिले हैं। उद्योगपतियों को उनका उद्यम स्थापित करने के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा। हम जब दो लोगों का भला करते हैं तो अपने को धन्य मानते हैं। उद्योगपति तो हजारों का भला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहडोल में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बहुत ही सफल रही है, अब इस पूरे क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। बड़े उद्योगों के साथ छोटे स्टार्टअप भी विकास में बड़ा योगदान दे रहे हैं। उद्योगपति सही मायने में दूसरों के लिए जी रहे हैं, और सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना को चरितार्थ कर रहे हंै। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान शहडोल में रिंग रोड व अनूपपुर में बाईपास निर्माण की घोषणा की। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में औद्योगिक विकास के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। सचिव एमएसएमई प्रियंका दास ने लघु उद्यम तथा औद्योगिक निवेश नीति के संबंध में विस्तार से बताया। प्रमुख सचिव खनिज उमाकांत उमराव, सचिव आईटी आशीष वशिष्ट, अतिरिक्त सचिव पर्यटन विदिशा मुखर्जी ने औद्योगिक निवेश से जुड़ी विभागीय नीतियों और संभावनाओं की जानकारी दी।
पीछे रह गया था क्षेत्र, अब तेजी से होगा विकास
उप मुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि आज का दिन शहडोल के लिए ऐतिहासिक दिन है। इस क्षेत्र पर भगवान की विशेष कृपा है, खनिज और प्राकृतिक संसाधन के अपार भंडार हैं। यह क्षेत्र कई कारणों से विकास की दौड़ में कुछ पीछे रह गया था अब तेजी से विकास होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरित क्रान्ति के बाद अब प्रदेश में पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्र में क्रान्ति हो रही है। यहां औद्योगिक निवेश से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इस अवसर पर कुटीए एवं ग्रामोद्योग मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि संभाग में पर्याप्त मात्रा में उद्योगों के लिए जल, जमीन, जन और जंगल हैं। यहां के परिश्रमी लोगों को आपके उद्योगों को उंचाई तक ले जाने अवसर मिलेंगे।
सबसे ज्यादा शहडोल जिले में निवेश के प्रस्ताव
संभाग की जैव विविधता, यहां उपलब्ध खनिज व वन संपदा ने निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यहां खनन, ऊर्जा और इस्पात उद्योग की अपार संभावनाओं को देखते हुए उद्योगपतियों ने निवेश का खजाना खोल दिया है। रीनजल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सबसे ज्यादा निवेश शहडोल जिले के खाते में गया है। यहां टोरेंट ग्रुप ने अकेले 18 हजार करोड़ के निवेश की इच्छा जाहिर की है। इसके अलावा उमरिया और अनूपपुर में भी बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लगने की राह आसान हुई है। संभाग में यह उद्योग स्थापित होते हैं तो युवाओं का आने वाला कल सुनहरा होगा। रोजगार के लिए उन्हें अपना घर और परिवार छोडकऱ दूसरे शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। संभाग खनिज संसाधनों से समृद्ध है, यहां कोयला, बॉक्साइट, फायर क्ले और ग्रेनाइट की प्रचुरता है। यहां की वन संपदा और जैव विविधता इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों का प्रमुख केंद्र बनाती है।
Hindi News / Special / 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव : कोयला, ऊर्जा और इस्पात के उद्योग खुलने से संभाग को मिलेगी नई उड़ान