प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल शामिल होकर विपक्ष पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि आजादी के उपरांत दशकों तक विंध्य व बुंदेलखंड क्षेत्र सबसे ज्यादा उपेक्षित रहा। आसपास सोन, गंगा, बेलन, कर्मनाशा और शिप्रा जैसी नदियां व तमाम संसाधन होने के बावजूद यहां के लोग प्यासे रहें और इन क्षेत्रों को सूखा प्रभावित क्षेत्र के रूप से लोग जानने लगे। लोग पलायन करने को मजबूर हो गए। अब ऐसा नहीं होगा। पीएम ने केंद्र की ‘हर घर जल’ योजना की तारीफ की व कहा कि इसे एक साल हो गया है और 2.60 करोड़ परिवार को घरों में नल से पानी मिलने के सुविधा मिलने लगी है। इस योजना को आगे और गति मिलेगी।
प्रधानंत्री ने इस क्षेत्र की प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी की कृपा बताते हुए कहा माता की कृपा ही है कि इस क्षेत्र में इस परियोजना का शुभारम्भ हो रहा है। पीएम मोदी ने अपना दल के संस्थापक सोने लाल पटेल को भी याद किया और कहा कि यदि किसी आदिवासी क्षेत्र में किसी आदिवासी परंपरा में घर बनते हैं तो प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले घर भी उसी तरह के बने। साथ ही यह दावा किया कि आदिवासियों को जितनी हमारी सरकार प्राथमिकता दे रही है, उतनी प्राथमिकता किसी सरकार ने नहीं दी।
प्रधान मंत्री ने वर्चुअल तरीके से सोनभद्र के फूलपत्ती देवी से वर्चुअल बातचीत भी की व कहा कि अपने फैसले लेने पर गांव के हर व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। फूलपत्ती देवी ने कोरोना काल में मास्क बनाकर लोंगो में बांटा था। वह बेहद गरीब हैं और लगभग 1 किमी दूर से पीने का पानी लेने जाती है। नेटवर्क में दिक्कत के कारण प्रधानमंत्री अन्य लोगों से बात नहीं कर पाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में ग्रामिणों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि 70 वर्षों में विंध्य क्षेत्र के केवल 398 गांवों में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं को विनियमित किया जा सका। आज हम इस क्षेत्र के 3000 से ज्यादा गांवों में ऐसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। सीएम योगी ने सभा में सरकार की प्राथमिकता भी गिनायी।