किसानों के लिए चिंता का विषय
तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण प्रदेश के किसानों को अपनी फसलों के नुकसान की आशंका है। धान और गन्ने की फसलों पर बारिश का बुरा असर पड़ सकता है। इस समय धान की कटाई और गन्ने की बुआई के चलते किसानों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। तेज हवाओं और पानी से फसलों को भारी नुकसान हो सकता है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। इस स्थिति में सरकार से किसानों को मदद की उम्मीद है।
डिप्रेशन का व्यापक असर: पूर्वी भारत पर प्रभाव
डिप्रेशन का असर सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक फैल चुका है। गंगा के पश्चिमी क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है, वहीं झारखंड, दक्षिणी बिहार और उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश में भी मूसलाधार बारिश हो सकती है। इसके अलावा, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी भारत के अन्य हिस्सों में मानसून फिलहाल सुस्त रहने की संभावना है।
नदियों का उफान: यूपी के कई जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां उत्तर प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं। आगरा जिले के किरौली में खारी नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। इसी तरह, बदायूं जिले के कछलाब्रिज पर गंगा नदी गंभीर स्थिति में बह रही है, जो अपने खतरे के स्तर से 0.60 मीटर ऊपर है। बलिया जिले में भी गंगा नदी का स्तर बढ़कर 1.27 मीटर खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है। नदियों के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।