दोनों लंबे समय से एक दूसरे से प्रेम करते आ रहे थे। हालांकि घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। दोनों ने अपने रिश्ते को नाम देने का फैसला लिया और शहर से सटे काली मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी कर ली और सात फेरे लिए। दोनों के बीच करीब ढाई साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था।
शादी से पहले हिना का शुद्धीकरण किया गया। फिर उसने सनातन धर्म अपनाया।मंदिर में मौजूद पंडितों ने विधि-विधान से शादी करवाई। सात फेरे लिए और हवन-पूजन किया। बाद में महेश ने हिना की मांग में सिंदूर डाला और अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों की कसमें खाईं।
दुल्हन संगीता ने बताया, ‘मेरा नाम हिना है और मैंने सनातन धर्म अपना लिया है. अपना नाम बदलकर संगीता रख लिया है। बदायूं केस के बाद मैं बुरी तरह डर गई और इस्लाम धर्म छोड़ने का फैसला लिया।मुझे बदायूं केस में जो कुछ हुआ, उसे देखकर बहुत दुख हुआ।
वहीं, दूल्हा बने महेश ने बताया, ‘मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा कि ईश्वर हम दोनों का दांपत्य जीवन सुखी रखे।मैं हिना को पिछले तीन साल से जानता हूं। मेरे परिवार वाले इस रिश्ते से खुश हैं लेकिन हिना के परिजन आज भी विरोध में हैं।
जानकारी के मुताबिक हिना नाम की लड़की जो कि खैराबाद की रहने वाली है।लड़का भी मौर्य समाज से है और वह भी खैराबाद का रहने वाला है। ढाई साल से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था।लड़की हिना अपने घरवालों के दबाव में डर रही थी। लेकिन बदायूं की घटना के बाद उसने सनातन धर्म अपनाने का फैसला किया।