देशभर में जगह-जगह पर राजपूताना और क्षत्रिय समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही राजनीतिक दलों की तरफ से भी आपत्तियां जताई गई हैं। सीतापुर के क्षत्रिय समाज द्वारा भी पूर्व में फिल्म को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है और इसी क्रम में समाज के एक विचार मंच द्वारा राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन यहां के जिलाधिकारी को सौंपा है। क्षत्रिय विचार मंच सीतापुर के माध्यम से क्षत्रिय समुदाय के लोगों द्वारा क्षत्रियों की अस्मिता के प्रति हो रहे खिलवाड़ को तुरंत रोके जाने की मांग की है। इसके साथ ही समुदाय में बढ़ रहे असंतोष और कुंठा की भावना को लेकर खासकर पद्मावती फिल्म का विरोध किया गया है। समाज का कहना है कि इस प्रकार की फिल्मों से क्षत्रियों को लेकर आम जनमानस में गलत अवधारणा पनप रही है।
क्षत्रिय समाज द्वारा आज दिए गए ज्ञापन में या कहा गया कि चल चित्रों के माध्यम से ठाकुर शब्द का दुरुपयोग किया जा रहा है और खान-पान और रहन-सहन को बढ़ाकर काल्पनिक रूप से उसे दर्शाकर क्षत्रिय समुदाय की सभ्यता के विपरीत प्रस्तुति की जा रही है। साथ ही क्षत्रिय समुदाय को क्रूरता व बर्बरता का प्रतीकात्मक चित्रण करना भी समुदाय के विपरीत कार्य करने जैसा है। लिहाजा इसे भी रोका जाना चाहिए।
रानी पद्मावती जैसी फिल्म दोबारा ना बने इसे नहीं रिलीज किया जाना चाहिए और इसके प्रति कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। क्षत्रिय समाज द्वारा राष्ट्रपति से या मांग की गई कि उनके गौरवपूर्ण इतिहास और समुदाय की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले चलचित्र पर सेंसर बोर्ड को उचित उचित निर्देश जारी करें ताकि भविष्य में कोई गलत कदम मनोरंजन के नाम पर ना उठा सकें। इस दौरान अवनींद्र विक्रम सिंह राजेश सिंह तोमर शैलेश सिंह प्रताप सिंह शैलेंद्र सिंह चौहान करण सिंह आदि कई अन्य लोग मौजूद रहे।