मंडी में मंडार, सोनानी,कोटड़ा, जामठा, पादर, जुआदरा,सोनेला, मगरीवाडा, जेतावाडा,बांट, सोरडा, दानपुरा, पीथापुरा, निमतलाई, हड़मतिया, अमरपुरा, केसुआ, वडवज, जावल समेत उप खंड क्षेत्र के साथ समूचे जिले तथा जालोर, भीनमाल, रानीवाड़ा, बड़गांव के साथ गुजरात क्षेत्र से मूंगफली की पैदावार सुबह से देर शाम तक पहुंच रही है। जिले के किसानों के लिए धानु मंडी वरदान तथा धड़कन साबित हुई है।
मंडी के दशरथ पुरोहित ने बताया मंडी में मूंगफली के अलावा सीजन के अनुसार अरंडी, रायड़ा, बाजरा, राजगीरा, गेहूं, जीरा, सरसों तथा ईसबगोल की पैदावार किसान यहां लाते है। मंडी में सर्वाधिक रेवदर उपखंड तथा सिरोही जिले के किसान है। किसान के साथ धोखा नहीं हो उसके लिए मंडी प्रशासन ने पांच गेटकीपर के साथ कुल पंद्रह लोगों का स्टाफ लगाया है। रोजमर्रा का व्यापार खुला तथा ऑनलाइन है। हर रोज मंडी में आने वाली पैदावार का आंकड़ा आ जाता है।
हजार से अधिक लोगों को मिलता है रोजगार
मंडी चेयरमैन दिनेश भाई चौधरी के अनुसार मंडी में अस्सी दुकानों पर चार सौ मारवाड़ी तथा बिहारी श्रमिक बोरियों को उतारने, तौलने तथा ट्रकों में लादने का काम करते है। इसके अलावा प्रत्येक दुकान में व्यवस्थाओं को संभालने, अकाउंट समेत चार पांच लोग काम करते है।
दिन भर ट्रेक्टर, ट्रकों का जमावड़ा रहता है। मंडी के माध्यम से एक हजार से अधिक को रोजगार मिला है। दुकानदार सोरडा निवासी दिनेश कुमार ने बताया मंडी के लिए आड़तिया तथा पास में ही मूंगफली की मील होना आवश्यक है। यहां सुमेरपुर, रानीवाड़ा क्षेत्र से भी मूंगफली आ रही है। गुंदरी धानु मंडी अब मूंगफली का हब बन गया है। पांथावाडा में ही मिलें होने से यहां से सारा माल एक्सपोर्ट होता है। तथा सारा माल जूनागढ़ तथा काठियावाड़ जाने से मंडी प्रगति पर है।
एक सीजन में दस से पंद्रह लाख बोरियां मंडी में आती है
मूंगफली की आवक मंडी में पिछले बीस दिन से शुरू हुई है। इन दिनों तीस से बत्तीस हजार बोरी प्रतिदिन का आंकड़ा हो गया है। पूरी सीजन में दस से पंद्रह लाख बोरी आती है। मंडार क्षेत्र के अलावा गुजरात, रानीवाड़ा क्षेत्र से भी आती है। मंडी में अस्सी मे से अस्सी दुकानें संचालित है। किसानों को अपने पैदावार का प्रति किलो 67 से 70 रुपए मिल रहे है जो बढ़िया है।
–दिनेश चौधरी,चेयरमेन धानु मंडी गुंदरी
किसानों का आर्थिक आधार गुंदरी की धानु मंडी
मंडार गुजरात सीमा से सटी गुंदरी की धानु मंडी किसानों के लिए धड़कन है। नगदी फसल के साथ सही भाव तथा नगद मिलने से किसानों को आर्थिक संबल मिला है। सीमा से महज एक किलोमीटर दूर होने से जिले के सभी किसानों को फायदा मिल रहा है। जो वरदान साबित हुई है।
–भावाराम चौधरी, भारतीय किसान संघ, जिलाध्यक्ष सिरोही