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सिंगरौली

ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन: जिले में अभी भू-अर्जन तक सीमित कवायद

30 फीसदी से अधिक का अभी भुगतान बाकी, नौकरी देने का मामला भी अटका …..

सिंगरौलीFeb 16, 2023 / 11:41 pm

Ajeet shukla

Lalitpur-Singrauli railway line: exercise limited to land acquisition

Lalitpur-Singrauli railway line: exercise limited to land acquisition

सिंगरौली. ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन को लेकर प्रक्रिया वर्ष 2017 से शुरू है, लेकिन अभी तक जिले में सारी कवायद केवल भू-अर्जन की प्रक्रिया तक सीमित है। भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत अभी 30 फीसदी लोगों को भुगतान करना बाकी है। इधर रेलवे लाइन का मैदानी स्तर पर कार्य सीधी तक ही सीमित है। जिले में प्रभावित लोगों का विरोध प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बाधा बन रहा है।
रेलवे की ओर से तय प्रस्ताव के मुताबिक जिले में ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन झोखो की सीमा से प्रवेश करेगी और बरगवां व सिंगरौली रेलवे स्टेशन के बीच गोंदवाली में आकर मिलेगी। यह दूरी करीब 50 किलोमीटर की मानी जा रही है। सीधी व सिंगरौली की सीमा बहरी में एक रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है। इसके अलावा देवसर में दूसरा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। प्रस्ताव के अनुरूप रेलवे लाइन जिले के कुल 22 गांवों से होकर गुजरेगी। इसमें चितरंगी तहसील के चार गांव और देवसर तहसील के 18 गांव शामिल हैं।
चितरंगी तहसील के झोखो गांव में प्रवेश करने वाली रेलवे लाइन रेही, खम्हरिया कला व खम्हरिया खुर्द होते हुए देवसर तहसील के कुर्सा गांव में प्रवेश करेगी। कुर्सा के बाद ढोंगा, छीवा, सहुआर, खोभा, हर्राचंदेल, कटौली, खड़उरा, पूर्वाजागीर, भरुहा, झरिया, बरगवां, आमो, सिलफ, गिधेर, भलुगढ़ व बड़ोखर होते हुए रेलवे लाइन गोंदवाली में आकर बरगवां से सिंगरौली रेलवे स्टेशन जाने वाली रेलवे लाइन में मिलेगी। प्रस्ताव के मद्देनजर अभी तक मैदानी स्तर पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
नौकरी नहीं मिलने का विरोध

रेलवे द्वारा भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत प्रभावित लोगों ने नौकरी मिलने की उम्मीद लगा रखी थी, लेकिन रेलवे ने वर्ष नवंबर 2019 में जारी एक आदेश का हवाला देते हुए नौकरी देने से हाथ खड़ा कर दिया है। प्रभावित लोगों के आक्रोश की यही वजह है। प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर रेलवे तक अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जो कार्य प्रगति में बाधा बन रही है।
22 को प्रधानमंत्री करेंगे समीक्षा

ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन को लेकर प्रधानमंत्री खुद रुचि ले रहे हैं। उनकी ओर से 22 फरवरी को अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी। प्रधानमंत्री की समीक्षा के मद्देनजर दिल्ली में मंगलवार को रेलमंत्री की मौजूदगी में अब तक के कार्य की समीक्षा की गई। बैठक में मौजूद सांसद रीती पाठक ने रेलमंत्री को पत्र सौंप कर कार्य में तेजी लाने का निवेदन भी किया है।

गोविंदगढ़ में चल रहा विरोध-प्रदर्शन
नौकरी सहित अन्य मुद्दों को लेकर रीवा के गोविंदगढ़ में पिछले एक महीने से प्रभावित लोग अनशन पर बैठे हैं। ललितपुर-सिंगरौली (पश्चिम मध्य रेलवे) किसान यूनियन संघर्ष समिति द्वारा शुरू इस अनशन में बिना नौकरी दिए रेल चलाने की तैयारी का विरोध किया जा रहा है। अनशन पर वरिष्ठ किसान सुग्रीव सिंह, त्रंबकेश्वर पांडे व रामायण शर्मा का कहना है कि सभी जिलों के प्रभावितों को नौकरी देने की घोषणा तक अनशन जारी रहेगा।
गोविंदगढ़ तक ट्रेन चलाने की तैयारी
ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के तहत रीवा में गोंविदगढ़ तक सिंगल रेलवे लाइन बिछाई जा चुकी है और वहां तक ट्रेन भी चलाने का निर्णय लिया गया है। ट्रायल भी किया जा चुका है। सीधी में भी छुटिया टनल का कार्य पूरा हो गया है, बाकी तीन टनल पर कार्य चल रहा है। सीधी में चुरहट तक रेलवे लाइन के लिए बेस भी तैयार हो रहा है। सोन नदी पर कुर्रवाह में पुल निर्माण जारी है, लेकिन सिंगरौली में अभी तक धरातल पर कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
नौकरी में बाधा से संबंधित ये पूरा मामला

– भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत नोटिफिकेशन वर्ष 2017 में जारी किया गया। उस समय प्रभावितों को नौकरी देने का प्रावधान था।

– भू-अर्जन की प्रक्रिया कई कारणों से प्रभावित हुई और प्रक्रिया पूरी करते-करते तीन वर्ष लग गए। अवार्ड वर्ष 2020 में पारित हुआ।
– नवंबर 2019 में रेलवे की ओर से एक आदेश जारी हो गया कि इस तिथि के बाद भू-अर्जन में प्रभावित लोगों को नौकरी नहीं दिया जाएगा।

– रेलवे भू-अर्जन की तिथि वर्ष 2020 को मानते हुए नौकरी देने से इंकार कर रहा है, जबकि प्रभावित लोग नोटिफिकेशन की तिथि को शुरुआत मान रहे हैं।
– रेलवे व प्रभावित लोगों के बीच यह मुद्दा सांसद सहित अन्य के माध्यम से कई बार अलग-अलग स्तर पर उठा है, निर्णय बाकी है।

फैक्ट फाइल

541 किलोमीटर का है पूरा प्रोजेक्ट
16159 करोड़ रुपए स्वीकृत लागत

2314 करोड़ रु.अब तक स्वीकृत

700 करोड़ की फिर मिली स्वीकृति

– भू-अर्जन की प्रक्रिया के तहत अभी भुगतान का कार्य चल रहा है। 70 फीसदी से अधिक का भुगतान हो चुका है। नौकरी के मुद्दे को छोड़ दिया जाए तो कार्य शुरू करने में कोई समस्या नहीं है।
विकास सिंह, एसडीएम देवसर

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