बताया जा रहा है कि, छात्राओं को ब्लडप्रेशर, शुगर, हीमोग्लोबिन सभी कुछ नॉर्मल है, बावजूद इसके इन छात्राओं की हालत किसी गंभीर रूप से बीमारी में ग्रस्त मरीज के समान है। तो क्या किसी जादू टोने का शक है ? क्या हॉस्टल की छात्राएं मानसिक बीमार हो रही हैं ? हालांकि, मेडिकल ने जब कुछ बच्चियों से बातचीत की तो बच्चियों ने हॉस्टल प्रबंधन पर सही भोजन न देने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए। इसी को बच्चियों के बीमार पड़ने का बड़ा कारण माना जा रहा है।
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हॉस्टल में रहती हैं 50 छात्राएं
जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर सरई तहसील के ग्राम गोड़बहरा में स्थित सरकारी माध्यमिक गर्ल्स हॉस्टल में 50 छात्राएं रहती हैं। लेकिन, इनमें से अधिकतर छात्राएं शनिवार देर शाम से अजीबो गरीब हरकत कर रही हैं। कुछ छात्राएं काफी तेज तेज रो रही हैं तो कुछ चिल्ला रही हैं, कुछ बेहोश अवस्था में हैं।
खुद के बाल नोच रही हैं कई छात्राएं
इसी बीच हॉस्टल प्रबंधन की ओर से फूड प्वाइजनिंग की आशंका जताते हुए सरई से मेडिकल को बुलवाया। सूचना मिलते ही पहुंची मेडिकल के हॉस्टल की छात्राओं की हरकतें देख होश उड़ गए, जिस तरह की हरकतें छात्राएं कर रही थी, उससे किसी जादू-टोने का संदेह हुआ। डॉक्टरों ने सभी का मेडिकल चेकअप कराए तो सभी की हालत सामान्य मिली, जिससे चिकित्सकों को मानसिक बीमारी की आशंका है। प्राथमिक उपचार से कुछ छात्राएं ठीक होती भी तों दूसरी अपने बाल नोंचने लगती और चिल्लाने लगती।
ऐसी हरकतें कर रही छात्राएं
छात्राओं के उपचार में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि, फूड पॉइजनिंग की शिकायत मिलने पर सरई टीम मौके पर पहुंची। लेकिन ऐसी कोई प्रॉब्लम सामने नहीं आई। प्रबंधन के अनुसार, छात्राएं इस तरह की हरकतें करीब एक महीने से कर रही हैं। वहीं बच्चियों को घर में कोई तकलीफ नहीं है, वे हॉस्टल आते ही अजीबो गरीब हरकतें करने लगती हैं। घर जाने के बाद ठीक भी हो जाती है। बताया गया कि, इन्हें किसी तरह की मानसिक बीमारी है।
सभी छात्राएं को उनके घर रवाना किया गया
इस तरह की खबर पर डॉक्टरों के साथ तहसीलदार, पटवारी, जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी, जिला मुख्यालय से मानसिक रोग डॉक्टर भी पहुंचे, लेकिन कुछ क्लियर नहीं हुआ। अंततः कुछ दिनों के लिए सभी छात्राओं को उनके घर भेज दिया गया है।