2002 से सोने की खोज 8 जिलों में शुरू हुई थी। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जरिए सोने की संभावनाओं पर काम किया गया। ये जिले सिंगरौली व कटनी के साथ ही बालाघाट-सिवनी, जबलपुर, शहडोल, उमरिया और बैतूल थे।
सिंगरौली-चकरिया: 4 हेक्टेयर में डेढ़ लाख टन सोना होने की संभावना।
सिंगरौली में ही गुरहार पहाड़ में 21 वर्गमीटर, थापरा में 24 वर्गमीटर, कर्माहीपुरी सिली में 32 वर्गमीटर और निबुआ में 25 वर्गमीटर क्षेत्र में भी सोने की खोज हो रही है।
प्रदेश में पहली बार जिंक की खदानें भी मिली हैं। ये खदानें छिंदवाड़ा के जंगलदेही इलाके में मिली हंै। यहां 8 हेक्टेयर में 16 लाख टन जिंक होना अनुमानित है। बैतूल के बिसखान इलाके में 6 हेक्टेयर में 20 लाख टन जिंक मिला है।
मनोहर दुबे, प्रमुख सचिव, खनिज विभाग मध्यप्रदेश