ग्रामीणों ने शौचालय नहीं बनाए जाने से हो रही मुश्किलों को बयां करते हुए कहा कि एक ओर जहां निगम क्षेत्र में स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर सफाई अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी पूरा का पूरा गांव ही शौचालय की सुविधा से वंचित है। ऐसे में शुरू अभियान मुंह चिढ़ाने जैसा लगता है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताया है कि बात निगम तक पहुंची है तो हो सकता है कि शौचालय अब मुहैया हो जाए।
ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि अभी तक वार्ड पार्षद ने इस समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखाईहै। वार्ड क्रमांक ४५ में आने वाले इस गांव में पार्षद महिला हैं। उनके पति रामजी बसोर ही सारा काम देखते हैं। उनका कार्यकाल बीतने को है, लेकिन ग्रामीणों को अभी तक एक शौचालय भी नसीब नहीं हुआ है। पानी की समस्या से भी ग्रामीण जूझ रहे हैं।
स्वच्छता के इस दौर में भी घर में अगर शौचालय न हो तो सोचने वाली बात है। यह हाल तब है, जबकि गांव जिला मुख्यालय से महज चंद दूरी पर स्थित है। अधिकारियों को इस पर गंभीरता के साथ विचार करना होगा।
भरतलाल, निवासी भकुआर।
लालमणि नामदेव, निवासी भकुआर।