भारी बारिश से कई जिलों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त, कई डैम लबालब दरअसल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता वर्मा कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ कलेक्टे्रट ज्ञापन देने गए थे। कोरोना गाइडलाइन के चलते वे बाहर ही खड़े रहे। ज्ञापन लेने के लिए एडीएम और एसडीएम उनके पास आए। कलेक्टर के बाहर नहीं निकलने पर पूर्व मंत्री वर्मा इतना भड़क गए कि निकम्मा तक कह दिया। वे इसे जनता का अपमान बताते हुए कहा कि कोई कलेक्टर ऐसा नहं कर सकता, अगर करता है तो वह जिले में रहने लायक नहीं है। तीन दिन बाद उनके बयान का वीडियो वायरल होने के बाद पटवारी की तहरीर पर सोमवार को प्रकरण दर्ज किया गया।
MP में बारिश का कहर, कई जगहों पर बाढ़ के से हालात, अनेक लोग बहे अधिकारी बने गवाहबताया गया है कि एफआइआर बिलौंजी के पटवारी राजकिशोर सिंह की ओर से दर्ज कराई गई है। जिसमें एडीएम सहित अन्य अधिकारी गवाह बने हैं। तीन बाद प्रकरण दर्ज किए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जब यह पूरा वाकया अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ तो तहरीर देने में देरी क्यों हुई इस बारे में पता नहीं चला है।