शासन स्तर से नगर निगम में कचरा प्रबंधन प्लांट की जिम्मेदारी निविदा प्रक्रिया के जरिए सीटाडेल कंपनी को दिया गया है। तीन महीने बाद यानी अगस्त से सीटाडेल को कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू करना है। निगम की योजना के तहत प्लांट को अब बड़े स्तर पर संचालित करना है। इसके लिए नए व बड़े स्थान पर प्लांट स्थापित करना है। वर्तमान में गनियारी में संचालित प्लांट को नए स्थान पर शिफ्ट करने का निर्देश है। इस बावत जमीन तो चिह्नित कर ली गई है, लेकिन कागजी खानापूर्ति नहीं हो पाने के चलते ही जमीन निगम को सुपुर्द नहीं की जा सकती है और न ही सीटाडेल की ओर से प्लांट बनाने का कार्य शुरू किया जा सका है, पिछले महीने कलेक्टर की ओर से भ्रमण के दौरान प्लांट के लिए जल्द से जल्द नई भूमि दिए जाने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारी प्रक्रिया जारी होने की बात कह रहे हैं। गौरतलब है कि प्लांट के लिए जमीन मिलने के बाद से आगे की कार्रवाई शुरू हो सकेगी। जब तक जमीन नहीं मिलता है प्लांट बनाने का कार्य अधर में ही रहेगा।
जुलाई तक नया प्लांट तैयार कर सीटाडेल कार्य नहीं शुरू करती है तो घरों से कचरे का उठाव, परिवहन व कचरा प्रबंधन का कार्य ठप हो जाएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में हर रोज ६० से ६५ टन कचरे का उठाव कर उसका गनियारी स्थित प्लांट में प्रबंधन किया जा रहा है।
रंपा में नए प्लांट के संचालन के लिए शासन स्तर से ४१ करोड़ रुपए की सब्सिडी भी दी जा रही है। शासन से मिलने वाले इस बजट से न केवल नया प्लांट स्थापित किया जाएगा, बल्कि इसमें कचरा परिवहन सहित अन्य कार्यों के लिए वाहन सहित अन्य उपकरण भी खरीदे जाएंगे। बाकी प्लांट संचालित होने की स्थिति में निगम की ओर से सीटाडेल को प्रति टन १७०० रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसमें कचरा उठाव व परिवहन के साथ प्रबंधन का कार्य भी शामिल किया गया है।