वर्ष 1990 से राजनीति में सक्रिय हैं और अपने दम पर स्थान बनाया है। नगर निगम अध्यक्ष के अलावा भाजपा में पिछड़ा वर्ग की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य, नगर अध्यक्ष व मंडल अध्यक्ष सहित कई पदों पर रहे हैं। पार्टी के बड़े नेताओं के बीच पकड़ मजबूत है। नगर निगम परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष होने के चलते निगम क्षेत्र में सक्रियता अधिक रही है।
निगम क्षेत्र में जातीय समीकरण माइनस पहलू है। ब्राह्मणों व साहू समाज का वोट बंट सकता है। क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण फिर साहू और इसके बाद वैश्य समाज के मतदाता हैं। पिछड़ा वर्ग का वोट मिला तो जीत तय है। इसके बावजूद मुकाबला आसान नहीं रहने वाला है। 53 वर्षीय चंद्रप्रताप ने अपना राजनीतिक कॅरियर वर्ष स्वयंसेवक संघ के रूप में शुरू की।
अब तक महापौर के दावेदार बने हैं। टिकट के लिए पार्टी के पदाधिकारी लगे रहे। टिकट नहीं मिलने से नाराज भी होंगे। इसलिए भीतरघात की संभावना बनती हैं। माना जा रहा है कि उन्हें टिकट सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य की सिफारिश से मिला है। वह अब महापौर पद के लिए जल्द ही नामांकन करेंगे। बता दें कि इनका मुकाबला कांग्रेस के शहर अध्यक्ष रहे अरविंद सिंह चंदेल से होगा। अरविंद सिंह को कांग्रेस ने अपना महापौर प्रत्याशी बनाया है। चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी, सपा, बसपा, भाकपा जैसी अन्य पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे।