दीपिका सोनी @ जबलपुर। सिंहस्थ को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह और उत्सुकता देखी जा रही है। हर ढंग, हर जगह और हर प्रकार से सिंहस्थ की ब्रांडिंग विभिन्न प्रदेशों यहां तक कि विदेशों में भी चल रही है। सिंहस्थ के प्रचार के लिए शहर में भी उज्जैन के कलाकार आए हुए हैं। मध्यप्रदेश हस्तशिल्प हथकरघा विकास निगम द्वारा संचालित जबलपुर हाट में आए बाटिक प्रिंट्स के आर्टिस्ट्स को निगम द्वारा विशेष रूप से सिंहस्थ के लिए धार्मिक प्रिंट्स वाली क्लोङ्क्षदग तैयार करवाई जा रही है। जो सिंहस्थ कुंभ के दौरान आने वाले साधु-संतों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को लुभाएंगे।
एेसे होंगे तैयार
उज्जैन से आए कलाकार सरफराज ने बताया कि सिंहस्थ के लिए उन्हें जो प्रिंट तैयार करना है, वह बिल्कुल अलग ढंग से तैयार किया जाता है। नारियल की रस्सी, पतंग के मांझे से साइकिल की ताड़ी पर कलम तैयार की जाती है। फिर कपड़े को रेत पर बिछाकर उस पर प्रिंट किया जाता है। इसी प्रोसेस से सिंहस्थ में आने वाले साधुओं, श्रद्धालुओं के लिए हिंदू धार्मिक चिह्न वाले गमछे, बैग, बेड शीट्स, कुर्ते, दुपट्टे और पर्दे तैयार किए जा रहे हैं।
स्पेशल थिंग्स फॉर सिंहस्थ प्रिंट आर्ट
स्कार्फ, साफा, गमछा, कुर्ते, लहरिया, ओढऩी में झलकेगा सिंहस्थ का नजारा।
महाकाल मंदिर, सूर्य, ओम, स्वास्तिक, सिंहस्थ लोगो, चक्र होंगे प्रिंट में शामिल।
इंडोनेशियाई बाटिक की बानगी भी
प्रदेश शासन के द्वारा हथकरघा-हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन के कलाकारों को इंडोनेशियाई बाटिक प्रिंट सीखने जकार्ता भेजा गया था। कलाकार मोहम्मद रिजवान ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान मिलने वाले विशेष हस्तशिल्प उत्पादों खासकर वस्त्रों में मालवा की प्रसिद्ध बाटिक प्रिंट के साथ इंडोनेशियाई प्रिंट की बानगी भी देखने मिलेगी।
उज्जैन हाट में मिलेगा हस्तशिल्प
महाकाल मंदिर के नजदीक स्थित उज्जैन हाट में हथकरघा और हस्तशिल्प की समस्त सामग्री उपलब्ध होगी। आर्टिस्ट मो. शहजाद ने बताया कि वे और उनके जैसे अन्य साथी सिंहस्थ के लिए ही भैरूगढ़ प्रिंट, हैंड बलॉक और इंडोनेशियाई ब्लॉक से प्रिंट वर्क तैयार कर रहे हैं। फिलहाल इन चीजों को बड़ी तादाद में तैयार किया जा रहा है, जिनका एक पीस बनाने में आधे घंटे से लेकर 12 घंटों तक का समय लग रहा है।
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