एक किलोमीटर दूर तर होते हलक
भीषण गर्मी…चिलचिलाती धूप…और एक किलोमीटर दूर से सिर पर पानी से भरे घड़े लाने को मजबूर महिलाएं। जी हां सकराय ग्राम पंचायत के गांव भोजमेड़ की महिलाएं परिवार के कंठ तर करने के लिए गर्मी में कुओं से पानी लाने को मजूबर हैं।
एक किलोमीटर दूर तर होते हलक
नीमकाथाना/टोडा. भीषण गर्मी…चिलचिलाती धूप…और एक किलोमीटर दूर से सिर पर पानी से भरे घड़े लाने को मजबूर महिलाएं। जी हां सकराय ग्राम पंचायत के गांव भोजमेड़ की महिलाएं परिवार के कंठ तर करने के लिए गर्मी में कुओं से पानी लाने को मजूबर हैं। ग्रामीण देव भढ़ाणा सहित अन्य कई लोगों ने बताया कि गांव के अधिकांश हैण्डपंप सूख चुके हैं। वहीं कई हैण्डपंप नाकारा पड़े हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हैण्डपंपों के पानी सूखने को सबसे बड़ा कारण खनन माफियाओं द्वारा की जाने वाली हैवी ब्लास्टिंग। जिससे हैण्डपंपों व नलकूपों का जलस्तर नीचे गिर जाने से पेयजल की समस्या बन गई।
जोखिम भरा काम
ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी में कंठ तर करने के लिए एक किलोमीटर दूर स्थित कुएं से पानी लाना पड़ रहा है। जो जोखिम भरा है। कुएं से पानी खींचते समय कभी भी अनहोनी हो सकती है।
जगह-जगह हैंडपम्प नाकारा
ग्रामीण भढ़ाणा, राम शर्मा सहित अन्य कई लोगों ने बताया कि गांव में हैण्डपंप भी नाकारा पड़े है। नकारा हैण्डपंपों को ठीक करवाने के लिए संबंधित विभाग को कई बार अवगत भी करवा दिया है।
15 टैंकर स्वीकृत, 5 ही आपूर्ति
चला. निकटवर्ती किशोरपुरा की ढाणी भोपावाली,जेतसिंह वाली, बांकली,चोढाणी,खोखरिया,टोमली, गदसिंहवाली, कांसली, डेरियाली, गुर्जरों की ढाणी आदि एक दर्जन ढाणियों में इस भीषण गर्मी में पेयजल समस्या लोगों के सिर चढकर बोल रही है। समाजसेवी एवं आदिवासी मीन सेना राष्टृीय प्रमुख सुरेश मीना के नेतृत्व में घंटों विरोध प्रदर्शन किया तथा ग्राम पंचायत प्रशासन व जलदाय विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मौके पर ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि यहां ढाणियों में पीने के पानी के लिए 15 टैंकर स्वीकृत है तथा मात्र पांच टैंकर सप्लाई कर खानापूर्ति करवाई जा रही है। जेइएन को तुरंत जांच करने के आदेश दिए तथा दो दिन में स्वीकृत टैंकरों की सप्लाई सुचारू करवाने का आश्वासन दिया।
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